दिल्ली  की दरिया दिली: कोविड संकट में 150 देशों तक पहुंचाई 282 मिलियन दवाएं, दुनिया की 60 प्रतिशत वैक्सीन की जरूरतें की पूरी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 11-03-2023
भारत की दरिया दिली: कोविड संकट में 150 देशों तक पहुंचाई 282 मिलियन दवाएं, दुनिया की 60 प्रतिशत वैक्सीन की जरूरतें की पूरी
भारत की दरिया दिली: कोविड संकट में 150 देशों तक पहुंचाई 282 मिलियन दवाएं, दुनिया की 60 प्रतिशत वैक्सीन की जरूरतें की पूरी

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली 

वैश्विक स्तर पर भारत का कद यूं ही नहीं बढ़ रहा है. समय-समय पर इसने ऐसे काम किए हैं कि दुनिया इसकी कायल हो चुकी है. खासकर महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत की भूमिका ने सभी देशों को चौंकाया है. 
 
जानकर हैरानी होगी कि कोविड संकट की घड़ी में भारत ने किसी तरह का ‘परपंच’ रचे 150 देशों तक दवाईयां पहुंचाईं और दुनिया की 60 प्रतिशत वैक्सीन की जरूरतों को पूरा कियाकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, भारत ने कोविड संकट के दौरान कीमतों में वृद्धि और दवाओं की गुणवत्ता से समझौता किए बिना 150 देशों को दवाएं भेजीं.
 
मंत्री ने शुक्रवार को दिल्ली में स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर यह जानकारी दी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कोविड संकट के दौरान भारत ने बिना कीमत बढ़ाए और गुणवत्ता से समझौता किए 150 देशों को दवाएं भेजीं.
 
भारत ने महामारी के दौरान टीकों, चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के रूप में 150 से अधिक प्रभावित देशों को सहायता की पेशकश की. मंडाविया ने कहा कि भारत दुनिया की वैक्सीन की 65 फीसदी जरूरत को पूरा करता है.उन्होंने कहा, आज दुनिया में अगर कोई ऐसा देश है जो सस्ती दवाएं उपलब्ध करा रहा है तो वह भारत है.
 
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी राष्ट्रमंडल (सीएसपीओसी) के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 26 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने युद्ध और संकट के दौरान लगभग 123 देशों में फंसे विदेशी नागरिकों को निकालने में मदद की.
 
हरिवंश ने आगे कहा कि भारत ने दुनिया भर के विभिन्न देशों को कोविड-19 मेड-इन-इंडिया टीकों की आपूर्ति करने के लिए वैक्सीन मैत्री अभियान चलाया.इस के तहत, दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह तक, भारत ने 101 देशों और संयुक्त राष्ट्र की दो संस्थाओं को कोविड-19 की 282 मिलियन से अधिक वैक्सीन खुराक की आपूर्ति की है.
 
भारत में कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से, हमने ‘संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज’ दृष्टिकोण का पालन किया. हमने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय किए. जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता में प्रमुख अंतराल को संबोधित किया. इसमें शिक्षा और रोजगार जैसे क्षेत्रों में सुविधाएं, आजीविका को सहारा देना और सामान्य स्थिति बहाल करना शामिल है.
 
कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर, उन्होंने कहा, प्रासंगिक कानूनों को लागू करने के संबंध में, महामारी रोग अधिनियम, 1897 को संसद द्वारा संशोधित किया गया ताकि इस दौरान रोगियों को संभालने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जा सके.
 
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को यह सुनिश्चित करने के लिए संशोधित किया गया कि खाद्यान्न की कोई कमी न हो और महामारी के दौरान वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखा जाए. इन परिवर्तनों ने सार्वजनिक वितरण के माध्यम से देश के कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद की.