13 वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में अजीत डोभाल ने अगाह किया,अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादियों का राज

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-07-2023
13 वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में अजीत डोभाल बोले, अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी बेखौफ काम कर रहे हैं
13 वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में अजीत डोभाल बोले, अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी बेखौफ काम कर रहे हैं

 

आवाज द वाॅयस /जोहान्सबर्ग 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को आगाह करते हुए कहा कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी संगठन बेखौफ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के तहत आतंकवादियों और उनके प्रतिनिधियों को सूचीबद्ध करना एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर ब्रिक्स को मिलकर काम कर सकते हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने यह बातें मंगलवार को जोहान्सबर्ग में 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लेते हुए कहीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरों में से एक बना हुआ है.
 
डोभाल ने इसे महत्वपूर्ण बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति का निर्णय राजनीतिकरण और दोहरे मानकों से मुक्त है. कहा कि यह बैठक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल में बड़े मंथन के समय हो रही है.
 
एनएसए डोभाल ने आगे कहा कि वैश्विक सुरक्षा स्थिति अनिश्चितता और बढ़ते तनाव से चिह्नित है. वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कोविड-19 महामारी के दुष्परिणामों से जूझ रही है.उन्होंने भारत की जी 20 अध्यक्षता के लिए दक्षिण अफ्रीका द्वारा दिए गए सहयोग की भी सराहना की. साथ ही उन्होंने इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया.
 
उन्होंने कहा, साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष के वैश्विक समुदाय विवादित हैं.एनएसए डोभाल ने कहा कि भोजन, पानी और ऊर्जा सुरक्षा की गैर-पारंपरिक चुनौतियां तनाव का सामना कर रही हैं. उन्होंने कहा कि  ब्रिक्स एनएसए की बैठक में दक्षिण अफ्रीका द्वारा इन विषयों को शामिल किया जाना सुरक्षा के व्यापक आयामों की स्पष्ट समझ को दर्शाता है.
 
उन्होंने कहा कि डिजिटल युग द्वारा प्रस्तुत अवसर भी चुनौतियां पैदा करेंगे. ऐसे में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय निगमों को बढ़ावा देने और एक लचीला राष्ट्रीय साइबर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है.
 
उन्होंने कहा कि साइबर हमलों की कोई सीमा नहीं होती. साइबर अपराधियों और आतंकवादियों के बीच संबंध एक उभरती हुई चिंता का विषय है. सामान्य लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए क्षेत्रीय तंत्र का उपयोग किया जाना चाहिए.
 
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एनएसए डोभाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप वैश्विक कॉमन्स तक न्यायसंगत और निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल सुरक्षा एक प्रमुख वैश्विक मुद्दा है. इसका विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण एक साझा जिम्मेदारी है.
 
उन्होंने पानी के राजनीतिकरण के उदाहरणों के बारे में भी बात की और साझा सीमा पार जल संसाधनों के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता और निर्बाध जानकारी साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया.पानी के राजनीतिकरण का मुकाबला करने की जरूरत है.
 
आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों का कमजोर लोगों की खाद्य सुरक्षा पर असंगत प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को तत्काल संबोधित करने की जरूरत है जो एक साझा प्रतिबद्धता और आम जिम्मेदारी है.डोभाल ने आगे कहा कि स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों की सुरक्षित और किफायती आपूर्ति तक पहुंच महत्वपूर्ण है.
 
भारत ने ब्रिक्स प्रक्रिया को महत्व दिया है और सभी संयुक्त प्रयासों में सहयोग बढ़ाने के लिए इच्छुक और तैयार है.इस मौके पर एनएसए डोभाल ने भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को याद किया.
 
उन्होंने कहा कि इस साल भारत की अध्यक्षता में जी-20 का एजेंडा वास्तव में दुनिया, खासकर ग्लोबल साउथ की जरूरतों को शामिल करेगा. भारत की जी 20 अध्यक्षता के दौरान, प्राथमिकताओं में से एक विकासशील देशों की चिंताओं को आवाज देना है. भारत जी 20 के तहत एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन बनाने का प्रस्ताव कर रहा है.
 
एनएसए डोभाल ने कहा, भारत जीवनशैली के लिए पर्यावरण जैसी पहल के माध्यम से शैक्षिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण का समर्थन करने में सबसे आगे रहा है.उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को व्यक्तिगत व्यवहार पर ध्यान केंद्रित और पर्यावरण के लिए जीवनशैली में बदलाव करके दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए.
 
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य आपूर्ति प्रणाली में एक प्रमुख भागीदार है. उसने कोविड-19 महामारी के दौरान कई देशों की सहायता की है.डोभाल ने उर्वरकों की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला.उन्होंने आगाह किया कि आज की उर्वरक की कमी कल का खाद्य संकट हो सकती है.
 
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उभरती प्रौद्योगिकियों के कारण आम खतरों और जोखिमों से निपटने के लिए साइबर क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्राथमिकता दी जाती है.उन्होंने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि आईसीटी पर ब्रिक्स कार्य समूह ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्लाउड सुरक्षा, ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे कुछ अत्याधुनिक क्षेत्रों को संभावित अनुसंधान विषयों के रूप में पहचाना है.
 
इससे पहले दिन में, एनएसए डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बैठक के मौके पर शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की और दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों उनके लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं.
 
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बैठक के दौरान, एनएसए डोभाल ने बताया कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है.बैठक से इतर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कई और बैठकें की.