Sports bill will remove stagnation, bring transparency in administration: PT Usha
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राज्यसभा की मनोनीत सदस्य पीटी ऊषा ने मंगलवार को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे दशकों से चला आ रहा ठहराव दूर होगा और देश के खेल प्रशासन में ‘‘पारदर्शिता और जवाबदेही’’ सुनिश्चित होगी.
राज्यसभा में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पर एक साथ हुई चर्चा में भाग लेते हुए ऊषा ने राष्ट्रीय खेल बोर्ड (एनएसबी) की स्थापना सहित इसके प्रावधानों की सराहना की.
लोकसभा ने एक दिन पहले ही दोनों विधेयकों को मंजूरी दी थी.
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष ऊषा ने कहा, ‘‘आज का दिन व्यक्तिगत और राष्ट्रीय महत्व का है। मुझे इस दिन का लंबे समय से इंतज़ार था.
उन्होंने पिछले साल इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे सरकारी हस्तक्षेप बताया था और आगाह किया था कि कि भारत को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, खेल मंत्री मनसुख मांडविया के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद उन्होंने अपनी राय बदल ली.
ऊषा ने कहा, ‘‘मैं आपको 1984 में ले जाती हूं, मैं उस समय सिर्फ 20 साल की था जब मैं लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पदक जीतने से चूक गयी थी. उस दिन मेरा दिल टूट गया था... हमारे दिलों में जो सपने थे, उन्हें पूरा करने के लिए कोई व्यापक खेल कानून नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘तब से चार दशक बीत गए, ठहराव वाली यथास्थिति को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया... आज उम्मीदें कानून में बदल गई हैं. यह एक दूरदर्शी और लंबे समय से प्रतीक्षित विधेयक है.
ऊषा ने कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता, जवाबदेही और लैंगिक समानता लाएगा तथा एथलीटों को सशक्त बनाएगा और प्रायोजकों तथा महासंघों के बीच विश्वास पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न्याय और निष्पक्षता से जुड़ा हुआ है.