सोफिया सूफी का सियाचिन से कारगिल तक सेना के लिए ‘ट्रिब्यूट रन’ शुरु

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
 सोफिया सूफी का सियाचिन से कारगिल तक सेना के लिए  ‘ट्रिब्यूट रन’ शुरु
सोफिया सूफी का सियाचिन से कारगिल तक सेना के लिए ‘ट्रिब्यूट रन’ शुरु

 

शाह इमरान हसन/ नई दिल्ली

यह दौड़ कुछ खास है. इस दौड़ का मकसद देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों और सरहदों पर अपनी जान की बाजी लगाने वाले जवानों को सलाम करना है. दौड़ रविवार को सियाचिन से शुरू हुइ जो कारगिल में खत्म होगी.कारगिल आपको याद होगा कि इस जगह पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत को दुश्मन से करारी हार का सामना करना पड़ा था.इस युद्ध में देश के सैकड़ों सैनिक शहीद हुए थे. इस खतरनाक रास्ते पर दौड़ की वजवाहक हैं सोफिया सूफी खान.

वह पेशेवर धावक हैं,जिन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए हैं. इनका गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम भी दर्ज है.अब सोफिया खान श्कारगिल विजय रन में सियाचिन बेस कैंप से कारगिल वॉर मेमोरियल तक का 470किलोमीटर का सफर 7दिन में पूरा करेंगी.

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हाल में सोफिया खान ने अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया है. कहा जाता है कि जब आपके इरादे सच्चे हों तो कोई भी मंजिल हासिल करना नामुमकिन नही. दिल्ली की अल्ट्रा रनर सोफिया खान इसका जीता जागता उदाहरण हैं. उन्होंने 110दिनों में भारत के सबसे लंबे चतुर्भुज राजमार्ग पर 6,002किमी की सबसे तेज यात्रा का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

35 साल की सोफिया के लिए दौड़ना उनका सबसे बड़ा जुनून है. उन्होंने 5 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर फुल टाइम रनर बन गईं. इससे पहले वह मिशन होम के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर पूरा कर चुकी हैं.

भारतीय अल्ट्रा धाविका सोफिया सूफी धावक के लिए चुनौतियां कोई नई बात नहीं. इस साल की शुरुआत में तीसरी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाने के बाद सोफिया ने पहले से एक नए अभियान की तैयारी शुरू कर दी थी. अब वो उसी रास्ते पर दौड़ लगा रही हैं जहां पैदल पहुंचना भी मुश्किल है.

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सोफिया ने अपने कैंपेन का नाम द ट्रिब्यूट रन रखा है. उन्होंने इस अभियान को भारतीय सेना के वीर जवानों को समर्पित किया है. जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अभूतपूर्व बलिदान दिया है.उनका अभियान 7 दिनों का है, जो 17 जुलाई 2022 को सियाचिन से शुरू होकर 23 जुलाई को कारगिल में समाप्त होगा. यानी कारगिल दिवस पर इनका अभियान समाप्त होगा.

गौरतलब है कि 470किलोमीटर लंबे अभियान के दौरान सोफिया बेहद खतरनाक रास्तों और विपरीत परिस्थितियों से गुजरेंगी.दौड़ 3,400 मीटर की ऊंचाई पर शुरू होगी और खरदोंग ला में 5,359 मीटर तक पहुंच जाएगी, जहां ऑक्सीजन का स्तर 40से 60 प्रतिशत तक गिर जाता है. तापमान काफी नीचे चला जाता है.

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दौड़ से पहले सोफिया ने कहा कि जब से मैंने खुद को अनुशासित किया है, मैंने लगातार अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और अधिक लोगों को काम करने के लिए प्रेरित करने की दिशा में काम किया.वह कहती हैं कि यह दौड़ खास है. मेरे दिल के करीब है. इस दौड़ के माध्यम से मुझे अपने सैनिकों के काम और राष्ट्र के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा को श्रद्धांजलि देनी है.

 उन्होंने कहा कि उनके पास सबसे अच्छा स्टाफ है. चाहे वह मेरे कोच हों या कोई और जिन्होंने मुझे इस अभियान के साथ हर चुनौती से निपटने के लिए समर्थन और प्रोत्साहित किया है. मैं पिछले 6महीने से लगातार ट्रेनिंग ले रही हूं.ध्यान रहे कि सोफिया 2018 से लगातार इस क्षेत्र में है. वह लगातार सफलता की ऊंचाइयों को छू रही हैं. भारत में अल्ट्रा रनिंग के लिए कई मानक स्थापित किए हैं.

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उन्होंने 2022 में मनाली से लेह तक के सबसे लंबे ट्रेक का रिकॉर्ड बनाया. जबकि साल 2021में उन्होंने सबसे कम समय में स्वर्णिम चतुर्भुज प्रतियोगिता को पूरी की. इसके अलावा उन्होंने साल 2019में कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सबसे तेज सफर तय किया.

सोफिया 2020 में अपनी पहली बड़ी सफलता के बाद से अंडर आर्मर एथलीट रही हैं.