महत्वपूर्ण बैठक से पहले ISL क्लबों ने AIFF से ली लीग ढांचे पर स्पष्टता, भविष्य की योजना पर उठे सवाल

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 26-12-2025
Ahead of a crucial meeting, ISL clubs sought clarity from AIFF on the league structure, raising questions about future plans.
Ahead of a crucial meeting, ISL clubs sought clarity from AIFF on the league structure, raising questions about future plans.

 

नई दिल्ली।

भारतीय फुटबॉल के शीर्ष घरेलू टूर्नामेंट इंडियन सुपर लीग (ISL) से जुड़े क्लबों ने लीग के भविष्य को लेकर चिंता जताते हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में क्लबों ने AIFF से मौजूदा और दीर्घकालिक योजनाओं पर स्पष्टता की मांग की है, ताकि देश की शीर्ष फुटबॉल प्रतियोगिता को लेकर अनिश्चितता दूर हो सके।

दरअसल, 2025–26 ISL सत्र जुलाई में ही ठप पड़ गया था। इसकी वजह लीग के पूर्व आयोजक फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) और AIFF के बीच मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) को लेकर मतभेद रहे। यह समझौता दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है, जिससे एक संविदात्मक गतिरोध पैदा हो गया। मामला इतना गंभीर हो गया कि इसमें सुप्रीम कोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में ISL के वाणिज्यिक अधिकारों के लिए टेंडर भी जारी किया गया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इसके लिए कोई खरीदार सामने नहीं आया। इसी पृष्ठभूमि में ISL क्लबों ने AIFF से भविष्य की स्पष्ट रूपरेखा साझा करने का आग्रह किया है।

यह पत्र ISL क्लबों की ओर से मोहन बागान सुपर जायंट के सीईओ विनय चोपड़ा के माध्यम से AIFF को भेजा गया। पत्र में कहा गया है कि प्रस्तावित बैठक की शुरुआत दीर्घकालिक रोडमैप की विस्तृत जानकारी से होनी चाहिए। इसके बाद अल्पकालिक योजना पर चर्चा की जाए, ताकि क्लब अपनी राय और सुझाव रचनात्मक तरीके से रख सकें।

गौरतलब है कि 20 दिसंबर को 10 ISL क्लबों द्वारा लीग के “स्थायी” परिचालन और व्यावसायिक स्वामित्व को लेकर दिया गया प्रस्ताव AIFF की आम सभा में मंजूर नहीं हो सका। इसके बाद AIFF ने इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति गठित कर दी।

क्लबों ने अपने पत्र में यह भी दोहराया कि उनका प्रस्ताव भारतीय फुटबॉल के लिए एक मजबूत और टिकाऊ रास्ता पेश करता है और AIFF को दीर्घकालिक योजना बनाते समय इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। साथ ही, AIFF की ओर से पेश की गई अल्पकालिक लीग योजना पर भी क्लबों ने कुछ सवाल उठाए हैं।

विशेष रूप से क्लबों ने राजस्व मॉडल, प्रसारण व्यवस्था, लागत संरचना और खर्चों के बंटवारे को लेकर अधिक स्पष्ट जानकारी मांगी है। क्लबों का कहना है कि इन जानकारियों के बिना आंतरिक आकलन करना मुश्किल है।

AIFF द्वारा गठित पैनल 22 से 29 दिसंबर के बीच चेन्नईयिन एफसी, मुंबई सिटी एफसी, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, दिल्ली स्पोर्टिंग क्लब और मोहन बागान सुपर जायंट के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहा है।

क्लबों ने अंत में कहा कि वे अल्पकालिक लीग में भाग लेने को लेकर सकारात्मक हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब इसे एक स्पष्ट और भरोसेमंद दीर्घकालिक योजना से जोड़ा जाए।