अल-अक्सा मस्जिद बेहद ख़तरनाक दौर में प्रवेश कर चुकी है: शेख़ इक्रिमा सबरी की दुनिया को चेतावनी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
Al-Aqsa Mosque has entered a very dangerous phase: Sheikh Ekrima Sabri's warning to the world.
Al-Aqsa Mosque has entered a very dangerous phase: Sheikh Ekrima Sabri's warning to the world.

 

यरुशलम

यरुशलम स्थित पवित्र अल-अक्सा मस्जिद और पूरा शहर इस समय एक अत्यंत ख़तरनाक और निर्णायक दौर से गुजर रहा है। यह चेतावनी शेख़ इक्रिमा सबरी, जो कब्ज़े वाले यरुशलम में सुप्रीम इस्लामिक काउंसिल के प्रमुख हैं, ने दी है। उन्होंने कहा कि चरमपंथी नीतियों के लगातार बढ़ते दबाव और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निष्क्रियता ने अल-अक्सा मस्जिद को अभूतपूर्व खतरे में डाल दिया है।

यरुशलम की स्थिति बेहद चिंताजनक

पत्रकारों से बातचीत में शेख़ सबरी ने कहा कि यरुशलम आज एक दर्दनाक और अत्यंत चिंता जनक दौर से गुजर रहा है। उनके मुताबिक, इज़राइल की दक्षिणपंथी नेतृत्व वाली सरकार जानबूझकर अल-अक्सा मस्जिद की ऐतिहासिक और धार्मिक स्थिति को कमजोर करने तथा यरुशलम की पहचान बदलने की कोशिश कर रही है।उन्होंने कहा कि ये घटनाएं अलग-थलग नहीं हैं, बल्कि एक सुनियोजित नीति का हिस्सा हैं, जिसका मकसद शहर और उसकी इस्लामी विरासत को निशाना बनाना है।

अल-अक्सा की रक्षा की भारी कीमत चुका रहे फ़िलिस्तीनी

शेख़ इक्रिमा सबरी ने कहा कि अल-अक्सा मस्जिद की रक्षा करते हुए यरुशलम के फ़िलिस्तीनी निवासी भारी कीमत चुका रहे हैं और इस संघर्ष में लगभग अकेले खड़े हैं।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि:

  • वैश्विक स्तर पर कोई प्रभावी हस्तक्षेप नहीं हो रहा

  • गंभीर उल्लंघनों के बावजूद जवाबदेही तय नहीं की जा रही

  • फ़िलिस्तीनी आबादी पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है

घरों का ध्वस्तीकरण और ज़बरन विस्थापन तेज़

इस्लामिक नेता ने बताया कि हाल के दिनों में फ़िलिस्तीनी घरों को तोड़ने, परिवारों को बेदख़ल करने और ज़बरन विस्थापन की घटनाओं में तेज़ी आई है।उनका आरोप है कि इन कार्रवाइयों को चरमपंथी यहूदी समूहों का समर्थन प्राप्त है, जिनका प्रभाव इज़राइली सरकार के भीतर भी है।

चरमपंथी समूहों की खुली गतिविधियाँ

शेख़ सबरी के अनुसार, ये चरमपंथी समूह:

  • घरों के ध्वस्तीकरण में प्रत्यक्ष भूमिका निभा रहे हैं

  • यरुशलम के निवासियों को डराने-धमकाने और उन पर हिंसा कर रहे हैं

  • नफ़रत और उकसावे को बढ़ावा दे रहे हैं

  • अल-अक्सा मस्जिद में बार-बार घुसपैठ और अपवित्रता कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि ये सभी कृत्य एक संगठित और सुनियोजित अभियान का हिस्सा हैं।

“फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के ख़िलाफ़ योजनाबद्ध युद्ध”

शेख़ इक्रिमा सबरी ने हालात को फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के ख़िलाफ़ एक योजनाबद्ध युद्ध बताया। उन्होंने कहा कि यरुशलम और कब्ज़े वाले इलाक़ों से फ़िलिस्तीनी मौजूदगी को मिटाने की कोशिशें खुलेआम की जा रही हैं, लेकिन दुनिया मूक दर्शक बनी हुई है।

जवाबदेही के अभाव से बढ़ रहा खतरा

अपने बयान के अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और जवाबदेही के अभाव ने इज़राइली प्रशासन और चरमपंथी समूहों को और अधिक बेख़ौफ़ बना दिया है।उन्होंने कहा कि यदि समय रहते ठोस वैश्विक हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो यरुशलम और अल-अक्सा मस्जिद को ऐसे असाधारण और अभूतपूर्व खतरों का सामना करना पड़ेगा, जिनके परिणाम दूरगामी होंगे।