दो साल के युद्ध के बाद बेथलहम में लौटी रौनक, गाजा संघर्ष की छाया में मनाया गया क्रिसमस

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-12-2025
After two years of war, life returned to normal in Bethlehem, but Christmas was celebrated under the shadow of the Gaza conflict.
After two years of war, life returned to normal in Bethlehem, but Christmas was celebrated under the shadow of the Gaza conflict.

 

बेथलहम (वेस्ट बैंक)

गाजा में दो वर्षों से जारी युद्ध और अस्थिरता के बाद इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बेथलहम में उम्मीद और आस्था की झलक देखने को मिली। मंगलवार रात हजारों लोग ऐतिहासिक मैंगर स्क्वायर में इकट्ठा हुए और लंबे समय बाद पूरे उत्साह के साथ क्रिसमस मनाने का प्रयास किया। युद्ध और तनाव के कारण पिछले दो वर्षों से यहां बड़े पैमाने पर क्रिसमस समारोह आयोजित नहीं हो सके थे।

इस वर्ष का सबसे प्रतीकात्मक दृश्य वह विशाल क्रिसमस ट्री रहा, जो इजराइल-हमास युद्ध के दौरान गायब रहा था और अब दो साल बाद फिर से स्क्वायर में स्थापित किया गया। सैकड़ों सजे-धजे स्काउट्स पारंपरिक क्रिसमस धुनें बजाते हुए नजर आए, जिससे पूरे इलाके में उत्सव का माहौल बन गया।

ईसाइयों के लिए पवित्र माने जाने वाले इस शहर में, जहां प्रभु यीशु के जन्म की मान्यता है, पिछले वर्षों में क्रिसमस बेहद सादगी से मनाया गया था। उस दौरान रोशनी, सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सीमित कर दिया गया था। लेकिन इस बार लोगों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद उम्मीद का संदेश देने की कोशिश की।

क्रिसमस समारोह की औपचारिक शुरुआत यरूशलम से बेथलहम तक निकाले गए पारंपरिक जुलूस से हुई। इस दौरान सर्वोच्च कैथोलिक धर्मगुरु कार्डिनल पियरबतिस्ता पिज्जाबल्ला ने “रोशनी से भरे क्रिसमस” का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दो साल के अंधेरे और पीड़ा के बाद अब प्रकाश की जरूरत है।

मैंगर स्क्वायर में एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि वे गाजा के छोटे से ईसाई समुदाय की ओर से शुभकामनाएं लेकर आए हैं, जहां क्रिसमस से पहले एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी। उन्होंने ईसाई और मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर शांति और उम्मीद का प्रतीक बनने का आग्रह किया।

हालांकि, उत्सव के इस माहौल के बीच युद्ध की छाया अब भी साफ दिखाई देती है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में संघर्ष का असर खास तौर पर बेथलहम पर पड़ा है, जहां लगभग 80 प्रतिशत आबादी पर्यटन से जुड़े व्यवसायों पर निर्भर करती है। इस बार उत्सव में शामिल अधिकांश लोग स्थानीय निवासी थे और विदेशी पर्यटकों की संख्या बेहद कम रही।

फिर भी, कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि घरेलू पर्यटन की धीमी वापसी से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह बदलाव आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की वापसी का रास्ता खोलेगा और बेथलहम एक बार फिर शांति और उत्सव का वैश्विक प्रतीक बनेगा।