मक्का की ग्रैंड मस्जिद में आत्महत्या की कोशिश से हड़कंप, सुरक्षा कर्मी घायल, अल-सुदैस बोले-खुदकुशी इस्लाम में हराम

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 26-12-2025
A suicide attempt at the Grand Mosque in Mecca caused panic; security personnel were injured, and Al-Sudais said that suicide is forbidden in Islam.
A suicide attempt at the Grand Mosque in Mecca caused panic; security personnel were injured, and Al-Sudais said that suicide is forbidden in Islam.

 

आवाज़ द वॉयस | नई दिल्ली/मक्का

सऊदी अरब के मक्का स्थित दुनिया की सबसे पवित्र मस्जिदों में से एक, ग्रैंड मस्जिद (मस्जिद अल-हरम) में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक व्यक्ति ने जान देने की नीयत से पहली मंज़िल से नीचे छलांग लगाने की कोशिश की। घटना अचानक हुई, लेकिन मौके पर तैनात विशेष सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे ज़मीन पर गिरने से रोकने का प्रयास किया। इस दौरान एक सुरक्षा कर्मी घायल हो गया, जबकि छलांग लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया गया। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

सऊदी अरब के गृह मंत्रालय और हरम सुरक्षा बलों की ओर से जारी आधिकारिक बयानों के अनुसार, यह घटना ग्रैंड मस्जिद की ऊपरी मंज़िलों में हुई। सुरक्षा बलों ने बताया कि व्यक्ति ने अचानक रेलिंग से नीचे कूदने की कोशिश की, लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे बचाने का प्रयास किया। गिरते समय उसे थामने की कोशिश में एक सुरक्षा अधिकारी को चोट आई। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि घटना के तुरंत बाद सभी ज़रूरी कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी की गईं।

घटना के बाद मस्जिद परिसर में मौजूद हज़ारों तीर्थयात्रियों के बीच कुछ समय के लिए तनाव का माहौल बन गया, हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने हालात को जल्द ही नियंत्रण में ले लिया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि छलांग लगाने वाले व्यक्ति की पहचान और राष्ट्रीयता का फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है और मामले की जांच जारी है।

इस गंभीर घटना पर ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद में धार्मिक मामलों के महामहिम अध्यक्ष एवं मुख्य इमाम शेख डॉ. अब्दुर रहमान अस-सुदैस ने कड़ी और स्पष्ट प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तीर्थयात्रियों और मस्जिद में आने वाले सभी लोगों से नियमों और निर्देशों का पालन करने, इस पवित्र स्थल की गरिमा का सम्मान करने और उचित इस्लामी शिष्टाचार अपनाने की अपील की।

शेख अल-सुदैस ने कहा कि कुछ गिने-चुने लोग,हालांकि बहुत ही कम—ऊपरी मंज़िलों से छलांग लगाने जैसी खतरनाक कोशिश करते हैं और संभवतः यह भ्रम पाल लेते हैं कि इस तरह की हरकत से जन्नत का रास्ता आसान हो जाएगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह सोच न केवल ग़लत है, बल्कि इस्लामी शिक्षाओं के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि खुदकुशी इस्लाम में सख्त रूप से हराम (निषिद्ध) है।

उन्होंने कुरआन और हदीस का हवाला देते हुए कहा, “अल्लाह तआला फरमाता है—‘और खुद को मत मारो।’” इसके साथ ही उन्होंने पैगंबर मुहम्मद ﷺ की हदीस उद्धृत की: “जो कोई खुद को मारेगा, वह जहन्नम की आग में होगा।” शेख अल-सुदैस ने कहा कि इस्लामी कानून (शरीअत) के बुनियादी उद्देश्यों में से एक मानव जीवन की रक्षा करना है, न कि उसे विनाश के खतरे में डालना। कुरआन की आयत का हवाला देते हुए उन्होंने दोहराया—“और अपने हाथों से खुद को विनाश में मत डालो।”

शेख अल-सुदैस ने इस मौके पर हरम की सुरक्षा में तैनात कर्मियों की बहादुरी और पेशेवर रवैये की भी खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह सुरक्षा बलों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी, वह उच्चतम जिम्मेदारी, मानवीय संवेदनशीलता और पेशेवर नैतिकता का उदाहरण है। उन्होंने घायल सुरक्षा अधिकारी के साहस को सलाम करते हुए कहा कि ऐसे कर्मी सऊदी सुरक्षा बलों की गरिमा और प्रशिक्षण का सम्मानजनक मॉडल पेश करते हैं।

हरमैन (Haramain) के आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से भी इस घटना की पुष्टि की गई। बयान में कहा गया कि ग्रैंड मस्जिद की सुरक्षा के लिए तैनात स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। बयान में यह भी दोहराया गया कि गिरने के दौरान व्यक्ति को बचाने की कोशिश में एक सुरक्षा अधिकारी घायल हुआ, जिसे तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की गई।

 

घटना के बाद सऊदी प्रशासन ने यह भी संकेत दिया कि पवित्र स्थलों की सुरक्षा और तीर्थयात्रियों की सलामती सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि ऐसे किसी भी कृत्य को रोकने के लिए सुरक्षा इंतज़ाम लगातार मज़बूत किए जा रहे हैं।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और धार्मिक भ्रम से जुड़े मुद्दों पर गंभीर चर्चा की ज़रूरत को भी रेखांकित करती है। शेख अल-सुदैस ने अपने संदेश के अंत में दुआ की कि अल्लाह सभी को सही मार्ग दिखाए, उन्हें सुरक्षा और समझदारी अता करे और पवित्र स्थलों में आने वाले हर व्यक्ति की हिफाज़त फरमाए।

मक्का की ग्रैंड मस्जिद में हुई यह घटना एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि इस्लाम जीवन की पवित्रता को सर्वोपरि मानता है और किसी भी रूप में आत्महत्या को न तो जायज़ ठहराता है और न ही उसका समर्थन करता है।