ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
दिल्ली के ओखला इलाके में स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया सनाबिल ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी एक संस्थान या पाठ्यक्रम की मोहताज नहीं होती। जहाँ आम तौर पर मदरसों को लेकर सीमित सोच रखी जाती है, वहीं यहाँ के छात्रों ने आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
आज के दौर में जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, तब जामिया इस्लामिया सनाबिल के छात्रों ने AI की मदद से AI रोबोट तैयार किया है। यह रोबोट 360 डिग्री घूमने में सक्षम है और इससे कोई भी सवाल पूछा जा सकता है। खास बात यह है कि यह रोबोट गूगल जेमिनी से कनेक्टेड है, यानी गूगल जेमिनी के पास मौजूद जानकारी तक इसकी सीधी पहुँच है। छात्रों का कहना है कि यह रोबोट हर तरह के सवालों का तुरंत और सटीक जवाब देने में सक्षम है।

रोबोट के प्रदर्शन के दौरान जब उससे सवाल पूछा गया—“जामिया इस्लामिया सनाबिल कहाँ स्थित है?”—तो उसने न केवल सही जवाब दिया, बल्कि पूरा पता और लोकेशन की विस्तृत जानकारी भी साझा की। यह देखकर मौजूद लोग हैरान रह गए।

AI रोबोट के साथ-साथ छात्रों ने कई अन्य इनोवेटिव मॉडल भी तैयार किए हैं। इनमें एक ऐसा मल्टी-परपज़ मॉडल शामिल है, जो
ज़मीन पर टैंक की तरह काम कर सकता है,
हवा में फाइटर जेट की तरह उड़ान भर सकता है,
और मिसाइल डिफेंस सिस्टम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
छात्रों का कहना है कि यह फिलहाल एक खयाली मॉडल है, लेकिन अगर इसे वास्तविक रूप दिया जाए तो यह भविष्य की रक्षा तकनीक में क्रांति ला सकता है।
एक छात्र ने प्रदूषण से निकलने वाले कार्बन से इंक (स्याही) बनाने का प्रयोग किया है, जिससे लिखा जा सकता है। यह प्रयोग न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि समस्या के भीतर ही समाधान छिपा होता है।

मदरसे के छात्रों ने बुर्ज खलीफा, भारत का नक्शा, और अन्य कई आकर्षक आर्किटेक्चरल मॉडल भी बनाए हैं। इन मॉडलों के पीछे छात्रों की रचनात्मक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण साफ झलकता है।
अक्सर मदरसों के छात्रों को लेकर यह कहा जाता है कि वे आधुनिक शिक्षा या तकनीक से दूर होते हैं। लेकिन जामिया इस्लामिया सनाबिल के छात्रों ने अपने काम से इन सभी धारणाओं को गलत साबित कर दिया है। यहाँ के छात्र न सिर्फ धार्मिक शिक्षा में आगे हैं, बल्कि विज्ञान, तकनीक और नवाचार में भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।

यह पहल न केवल मदरसों के लिए, बल्कि पूरे देश के शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत है। जामिया इस्लामिया सनाबिल के छात्रों ने यह दिखा दिया है कि अगर अवसर, मार्गदर्शन और जज़्बा हो, तो कोई भी छात्र देश और समाज के लिए कुछ बड़ा कर सकता है।