आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) बिना चेयरमैन के काम कर रहा है और अन्य महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
वहीं, बिजली वितरण कंपनियां उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर लगभग 27,000 करोड़ रुपये पुराने बकाया वसूलने की तैयारी में हैं.
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार इस वर्ष मार्च में आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था जो पिछले महीने सेवानिवृत्त हो गए.
डीईआरसी में चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति करने वाली दिल्ली सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उप सचिव, संयुक्त और उप निदेशक (शुल्क प्रभाग), कार्यकारी निदेशक (इंजीनियरिंग) और कार्यकारी निदेशक (विधि प्रभाग) सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पद कई महीनों से रिक्त हैं.
सूत्रों ने यह भी दावा किया कि सदस्यों के बीच 'मतभेद' हैं, जिससे आयोग का कामकाज प्रभावित हुआ है. इस बारे में डीईआरसी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.