जानिए देश के 15 वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के बारे में, कुल कितनी संपत्ति के हैं मालिक ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-09-2025
Know about the country's 15th Vice President CP Radhakrishnan, how much total property does he own?
Know about the country's 15th Vice President CP Radhakrishnan, how much total property does he own?

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने एक नई राजनीतिक हस्ती को देश के सर्वोच्च पदों में से एक पर स्थापित कर दिया है. 452 वैध वोटों के साथ, सी.पी. राधाकृष्णन को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया है, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. इस ऐतिहासिक जीत के बाद, हर कोई इस अनुभवी राजनेता के बारे में जानने को उत्सुक है. कौन हैं सी.पी. राधाकृष्णन? उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा? और वे कुल कितनी संपत्ति के मालिक हैं? आइए, इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं.

सी.पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक की डिग्री हासिल की. लेकिन उनकी असली पहचान शिक्षा से नहीं, बल्कि राजनीति और सामाजिक कार्यों से बनी.

महज 16 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक बन गए थे और 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. यह शुरुआती जुड़ाव उनके पूरे जीवन का आधार बन गया.

90 के दशक के अंत में, राधाकृष्णन ने तमिलनाडु की राजनीति में एक मजबूत पकड़ बनाई. 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने कोयंबटूर सीट से लगातार दो बार जीत दर्ज की.

1998 के कोयंबटूर बम धमाकों के बाद हुए चुनाव में उनकी जीत काफी महत्वपूर्ण थी, जिसमें उन्होंने 150,000 से अधिक वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की. अगले साल 1999 में, उन्होंने 55,000 से अधिक वोटों के अंतर से अपनी सीट बरकरार रखी.

उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक कौशल के कारण उनके समर्थक उन्हें "तमिलनाडु का मोदी" कहकर पुकारते हैं, जो उनके प्रभाव और राज्य में उनके मजबूत आधार को दर्शाता है. हालांकि, इन दो जीतों के बाद, उन्हें इसी सीट से लगातार तीन बार हार का सामना भी करना पड़ा, जो राजनीति की अनिश्चितताओं को दर्शाता है.

अपने राजनीतिक करियर में, राधाकृष्णन ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. 2004 से 2007 तक, वे भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर लंबी 'रथ यात्रा' का नेतृत्व किया, जो 93 दिनों तक चली.

इस यात्रा का उद्देश्य तमिलनाडु में भाजपा के आधार को मजबूत करना था. 2004 में, जब डीएमके ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अपना रिश्ता खत्म कर लिया था, तब राधाकृष्णन ने राज्य में भाजपा के लिए नया गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

उनकी कुशल कूटनीति और सभी दलों के साथ अच्छे संबंधों के कारण उन्हें तमिलनाडु में काफी सम्मान हासिल है, यही वजह है कि भाजपा ने उन्हें बाद में कई राज्यों में राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी.

राज्यपाल के रूप में भी उनका कार्यकाल उल्लेखनीय रहा है. उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया और इस दौरान उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था.

31 जुलाई, 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली. अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल पद संभालने के बाद भी, वे अक्सर तमिलनाडु का दौरा करते रहते थे और राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन सहित कई नेताओं से मिलते रहते थे। उनकी इस तरह की सक्रियता ने उन्हें न केवल एक राजनीतिक नेता, बल्कि एक अनुभवी प्रशासक के रूप में भी पहचान दिलाई.

एक उत्साही खिलाड़ी के रूप में भी राधाकृष्णन की एक अलग पहचान है. वे टेबल टेनिस में अपने कॉलेज के चैंपियन रहे हैं और लंबी दूरी के धावक भी रहे हैं। उनका यह व्यक्तित्व बताता है कि वे सिर्फ राजनीति तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि एक बहुआयामी व्यक्ति हैं.

अब बात करते हैं उनकी संपत्ति की, जो अक्सर जनता के बीच उत्सुकता का विषय होती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में जमा किए गए हलफनामे के अनुसार, सी.पी. राधाकृष्णन और उनकी पत्नी की कुल संपत्ति चौंकाने वाली है. उनके पास कुल 67,11,40,166 रुपये की संपत्ति है. उनकी कुल चल संपत्ति 7,31,07,436 रुपए है, जिसमें बैंक जमा, बीमा, बॉन्ड, शेयर और गहने जैसी चीजें शामिल हैं.

संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा इस प्रकार है: उनके पास 6,87,090 रुपये नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 18,15,651 रुपये नकद हैं. विभिन्न बैंकों में 6,53,807 रुपये जमा हैं.

बॉन्ड, डिबेंचर और शेयरों में उनका निवेश 1,28,13,731 रुपये है, जबकि बीमा पॉलिसियों में 1,36,67,235 रुपये का निवेश है. गहनों की बात करें तो, उनकी पत्नी के पास 1284.71 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत 31,50,000 रुपये है, और 152.25 कैरेट हीरे हैं, जिनकी कीमत 1,06,57,500 रुपये है.

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि वे एक धनी व्यक्ति हैं। जब उनकी संपत्ति की तुलना बी. सुदर्शन रेड्डी से की गई, तो यह निष्कर्ष निकाला गया कि राधाकृष्णन एक व्यवसायी और राजनेता के रूप में कहीं अधिक अमीर हैं, जबकि रेड्डी की आय मुख्य रूप से उनके न्यायिक और लोकायुक्त जैसे पदों से थी.

पारिवारिक जीवन की बात करें तो, सी.पी. राधाकृष्णन के बारे में सार्वजनिक रूप से अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. उनकी पत्नी के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है, वह उनके चुनाव हलफनामे में घोषित संपत्ति से ही मिलती है.

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राधाकृष्णन का सफर एक साधारण स्वयंसेवक से शुरू होकर देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचा है, जो उनकी कड़ी मेहनत, लगन और राजनीतिक समझ को दर्शाता है.

उनका लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव निश्चित रूप से उपराष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में सहायक होगा. यह कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समर्पण और निरंतर प्रयास से किसी भी ऊंचाई तक पहुंचा जा सकता है.