जानिए भारतीय टीम की गौहर सुल्ताना के बारे में जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 22-08-2025
Know about Indian team's Gauhar Sultan who said goodbye to international cricket
Know about Indian team's Gauhar Sultan who said goodbye to international cricket

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

भारत की जानी-मानी बाएँ हाथ की स्पिनर गौहर सुल्ताना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. 37 वर्षीय सुल्ताना का यह सफर भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने अपने हुनर, जज्बे और संघर्ष से कई मील के पत्थर कायम किए.

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dगौहर सुल्ताना ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) क्रिकेट में 66 विकेट झटके। उनका औसत मात्र 19.39 का रहा, जो कम से कम 50 विकेट लेने वाली किसी भी भारतीय गेंदबाज के लिए तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

उन्होंने दो वर्ल्ड कप (2009 और 2013) में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 11 मैचों से 12 विकेट उनके नाम दर्ज हैं. वहीं, टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी उनका योगदान अहम रहा। 2009 से 2014 तक खेले गए तीन टी20 विश्व कप में उन्होंने 7 विकेट झटके, जबकि उनकी गेंदबाज़ी का इकॉनमी रेट 5.81 रहा.

अपने संन्यास की घोषणा करते हुए गौहर सुल्ताना ने इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट लिखा. उन्होंने लिखा— “हैदराबाद की धूलभरी गलियों से लेकर विश्व क्रिकेट के भव्य मंचों तक, यह यात्रा किसी सपने से कम नहीं रही. इसमें पसीना, त्याग और अनगिनत घंटों की कड़ी मेहनत शामिल रही. भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा. हर विकेट, हर कैच, हर हडल और हर पल ने मुझे सिर्फ एक खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक बेहतर इंसान भी बनाया.

गौहर का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा. वुमेंस प्रीमियर लीग (WPL) में उन्हें यूपी वॉरियर्ज़ (UP Warriorz) ने 2024 में चुना. हालांकि, वहां उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली.

2024 और 2025 के सीज़न में उन्होंने कुल चार मैच खेले, लेकिन विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पाईं. बावजूद इसके, उन्होंने टीम के लिए अनुभव और मार्गदर्शन का अहम योगदान दिया.

37 वर्षीय गौहर अब बीसीसीआई लेवल-2 कोच भी हैं। अपने पोस्ट में उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि क्रिकेट से उनका रिश्ता यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि अब वे नए तरीके से खेल से जुड़कर आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेंगी.

उन्होंने लिखा— “जीवन में जीत के दिन भी आए और आत्ममंथन की रातें भी. चोटें, वापसी, हार-जीत और जश्न—खेल ने मुझे सबकुछ दिया. और आज जब मैं इस प्रिय अध्याय से विदा ले रही हूं, तो मेरे मन में कोई पछतावा नहीं है, बस अपार कृतज्ञता है.”

गौहर ने अपने साथियों और परिवार का भी आभार जताया. उन्होंने कहा, “मेरे साथियों, आपका धन्यवाद, जिन्होंने मेरे साथ अनगिनत लड़ाइयाँ लड़ीं। कोच, चयनकर्ता, सहयोगी स्टाफ और प्रशासकों का शुक्रिया, जिन्होंने मेरी उड़ान को पंख दिए. और मेरी माँ और बहन—आप मेरी ताकत, मेरा सहारा और मेरा सुकून थीं.”

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उन्होंने आगे लिखा, “क्रिकेट हमेशा मेरा घर रहेगा। खिलाड़ी के तौर पर भले ही अब मेरा सफर खत्म हो रहा है, लेकिन इस खेल के प्रति मेरा प्यार पहले से कहीं ज्यादा प्रबल है. मैं अब नए रूपों में खेल को योगदान देना चाहती हूं—प्रेरित करने के लिए, मार्गदर्शन देने के लिए और उस खेल की सेवा करने के लिए, जिसने मुझे मेरी पहचान दी.”

गौहर सुल्ताना का यह विदाई संदेश इस बात का प्रतीक है कि उनका करियर सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि संघर्ष, समर्पण और जुनून से परिभाषित हुआ है. भारत की महिला क्रिकेट टीम में उनका नाम उन खिलाड़ियों में लिया जाएगा जिन्होंने कठिन दौर में टीम को सहारा दिया और अपने प्रदर्शन से महिला क्रिकेट को नई पहचान दिलाई.

उन्होंने अंत में कहा— “यह विदाई नहीं है, यह सिर्फ एक सुनहरे अध्याय का अंत है.”