आलिया मरियम एक आत्मनिर्भर मां, जो समाज के लिए बनी इन्फ्लुएन्सर

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 16-04-2024
Alia Maryam, a self-reliant mother who became an influencer for the society
Alia Maryam, a self-reliant mother who became an influencer for the society

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

2015 वो साल था जब आलिया मरियम को पता चला कि उनका 1 साल का बेटा अयान सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित है. यह एक मस्तिष्क से संबंधित लाइलाज बीमारी है. लेकिन आजकल की मां लाचार नहीं है जो अपने बच्चे की देखभाल और पालन पोषण के लिए किसी और के सामने हाथ फैलाए. इस बात को आलिया मरियम ने साबित कर दिया है. 
 
 
आलिया मरियम ने उठाई अपने बेटे की जिम्मेदारी 
पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर आलिया मरियम ने आवाज को बताया कि मुझे मेरे बेटे के जन्म के 9 महीने बाद एहसास हुआ कि मेरा बच्चा नार्मल नहीं है. अचानक एक दिन जब आपका अंदेशा यकीन में बदल जाए तो इंसान को झटका लगता है वो भी तब जब वो बीमारी लाइलाज हो. ऐसे समय में जब आलिया मरियम ने अपने बेटे के इलाज की बात उठाई तो उनके परिजनों ने शुरुवात में उनका साथ दिया फिर बाद में कहा कि ये सब फ़िज़ूल पैसे की बर्बादी है, अब कुछ नहीं हो सकता. 
 
 
इसके बाद आलिया ने इसका जिम्मा अपने सर लिया और ठान लिया कि वे अपने बेटे की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास करेंगी. आलिया मरियम ने अवसाद और टेंशन को अपने से दूर रखकर संघर्ष किया और सोशल मीडिया की मदद से अपने बेटे के इलाज के लिए पैसा जुटाया. साथ ही खुद भी नौकरी की. आलिया मरियम ने अपने बेटे की बीमारी के संबंध में काफी रिसर्च की और डॉक्टरों की सलाह ली. आलिया कहतीं हैं कि डॉक्टर्स भी ऐसे मामले में आपकी ज्यादा मदद नहीं कर पाते क्योंकि उनको पता है कि इसका कोई स्थिर इलाज नहीं है. 
 
 
आलिया मरियम बनी वन वूमेन आर्मी 
आलिया मरियम को अपने बेटे के लिए पता चला कि एक थेरेपी ही इलाज है. एक स्टेम सेल थेरेपी है जिसकी कीमत 20-25 लाख है लेकिन फिर भी इसकी कोई गारंटी नहीं है कि मरीज पूरी तरह ठीक हो जाएगा. इसलिए थेरेपी ही एकमात्र विकल्प है. थेरेपी मरीज की स्थिति पर आधारित है. चूंकि अयान क्वाड्रिप्लेज स्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी का मरीज है. इसका मतलब है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उसके सभी 4 अंग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. यह सेरेब्रल पाल्सी का एक बचाव मामला है. अयान को फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक थेरेपी, स्पीच थेरेपी, विशेष शिक्षा की आवश्यकता है, केवल फिजियोथेरेपी की लागत 15 हजार प्रति माह है.
 
आलिया मरियम एक सोशल मीडिया इन्फ़्लून्रसर 
फिर आलिया मरियम एक सोशल मीडिया इन्फ़्लून्रसर के तोर पर सक्रिय हुई और उन्होनें अपनी एक अलग कम्युनिटी स्थापित की जिसमें ऐसे बच्चों के माता-पिता शामिल हुए जिनके बच्चे किसी न किसी डेफिशियेंसी से ग्रसित थे. आलिया ने उनका सम्पर्क थेरेपिस्ट से कराया जो उन स्पेशल बच्चों की मदद कर सकते थे साथ ही उन लोगों को हिम्मत न हारने के लिये भी प्रेरित किया. Cerebral Palsy /Special Kid के नाम से आलिया ने एक फेसबुक पेज भी शुरू किया जिससे लोग उनके साथ सम्पर्क में आए. 
 
आलिया मरियम ने आवाज को बताया कि उन्होनें डेफिशियेंसी से ग्रसित बच्चों और उनके माता-पिता को जागरूक करने के लिए कई अभियान भी चलाएं और एनजीओ से भी जुडी जो इस मुद्दे पर कार्य कर रहे थे. इसके लिए वे शिमला और अन्य जगह भी गयीं. 
 
 
आलिया ने बताया कि उनके बेटे अयान का इलाज आसान नहीं है उसकी एक थेरेपी के लिए कम से कम 15000 रुपए की जरुरत होती है. उसकी थेरेपी साप्ताहिक होती है. अभी उसको स्पोर्ट देकर ही बिठाया जा सकता है. और ये थेरेपी अयान को जिंदगी भर लेनी होगी. थेरेपी की मदद से अब अयान ने लोटना, रेंगना शुरू कर दिया है.
 
सेरेब्रल पाल्सी में विकारों का एक समूह है जो किसी व्यक्ति की चलने-फिरने, संतुलन और मुद्रा बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करता है. सीपी बचपन में सबसे आम मोटर विकलांगता है. डॉक्टर सीपी को मुख्य प्रकार के मूवमेंट डिसऑर्डर के अनुसार वर्गीकृत करते हैं. 
 
 
 
अभी आलिया का बेटा 9 साल का है. वे कहतीं हैं कि सीपी वाले लोगों को चलने-फिरने और बैठने की मुद्रा में समस्या होती है. कई लोगों में बौद्धिक विकलांगता जैसी संबंधित स्थितियाँ भी होती हैं. घूमने, देखने, सुनने या बोलने में समस्याएँ, रीढ़ की हड्डी में परिवर्तन आम बात है. 
 
आलिया कहतीं हैं कि उनकी शादी को 10 साल हो चुके हैं. वे 33 वर्ष की हैं और लगातार अपने बेटे के स्वस्थ्य होनी की कामना करतीं हैं. आलिया को विदेशों से ऑनलाइन इवेंट्स में जुड़ने के लिए आमंत्रित किया जाता है जहां वे इस तरह की खास डेफीसिएंसी से जूझ रहे लोगों को जागरूक और मोटीवेट करने का काम करतीं हैं. इससे वे लोग भी अच्छा सम्पर्क साध पाते हैं. इसमें उनकी अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दी गई उनकी स्पीच भी शामिल है.
 

आलिया मरियम बनी समाज के लिए प्रेरणा 
एक पढ़ी लिखी समझदार महिला के तोर पर आलिया ने अपने बच्चे के लिए हर वो सर्च रिसर्च की जो वो अपने स्तर तक कर सकतीं थीं. आलिया मरियम ने आवाज को बताया कि वे नौकरी के लिए अपने बेटे के साथ पटना यानी अपने माईके शिफ्ट हो गई और अयान की देखरेख के लिए अब उनको और आर्थिक सहायता की जरुरत थी जिसके लिए उन्होनें अपना एक यूट्यूब चेंनल आलिया कुकबुक शुरू किया. इस दौरान आलिया ने एक कुकबुक भी लिखी जिसमें मुग़लई खाने की बेहतरीन रेसेपीस हैं. उन्होंने 2022 में सोनी टीवी के मशहूर रियलिटी शो मास्टरशेफ में भी भाग लिया. 
 

आत्मनिर्भर माँ आलिया
आलिया ने पटना यूनिवर्सिटी से बी.सी.ए., एमसीए आई.पी.यूनिवर्सिटी दिल्ली से कम्प्लेट की. फ़िलहाल वे 7ईवेन कंसल्टेंसी से जुडी है. ये कम्पनी छात्रों को ओवरसीस अब्रॉड में पढ़ाई के लिए स्थापित है जिसमें आलिया मैनेजर के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वे Leap Scholar, Azent Overseas के साथ भी जुडी रही. इसमें यूएस, यूके, केनेडा आदि विदेश शामिल हैं जहां पढ़ाई करने के लिए आलिया छात्रों की मदद करतीं हैं. इसके साथ साथ आलिया ऑनलाइन क्लासेस भी लेतीं हैं और बच्चों को कोडिंग लेंगुएज  की कोचिंग भी देती हैं. 
 
आलिया की एक गुड़िया भी है जो बिलकुल नार्मल है उनके पति टेलीकॉम इंडस्ट्री में कार्यरत हैं जिनका ट्रासंफर होता रहता है. आलिया हमारी समाज की औरतों के लिए एक प्रेरणा है जो हार न मानते हुए परीस्थितियों का सामना करते हुए अपने बलबूते एक माँ होने का फ़र्ज़ बखूबी निभा रही हैं बल्कि समाज के बाकी पीड़ित लोगों की भी सहायता कर रहीं हैं.