मलिक असगर हाशमी
पीआईबी ने अग्निवीरों की सेवा समाप्त होने के बाद उनको मिलने वाले लाभ और उनके भविष्य संवारने वाली अनेक योजनाओं का खुलासा किया है. इन योजनाओं पर एक नजर मारते ही आपको एहसास हो जाएगा कि सरकार इसका प्रचार करने में चूक गई.
यदि अग्निवीर योजना की घोषणा के साथ ही इसमें शामिल किए जाने वाले जवानों के भविष्य संवारने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का बड़े स्तर से खुलासा कर दिया गया होता तो पिछले चार दिनों से देश में जो हंगामी सूरत बनी हुई है, इसकी नौबत नहीं आती. यही नहीं इसकी आड़ में विपक्षी दलों को भी सियासी खेल खेलने का मौका नहीं मिलता.
इस योजना पर सर्वाधिक बिहार में बवाल काटा जा रहा है. इसके केवल दानापुर रेलमंडल को हिंसक आंदोलन के दौरान पहुंचाए गए नुकसान की बात की जाए तो बोगियों में आग लगाने, स्टेशन में तोड़-फोड़ से 30 से अधिक रेल गाड़ियांे को क्षति पहुंची है और ढाई सौ करोड़ रूपये से अधिक का चूना लग चुका है.
इसके अलावा बलवाईयों के देश भर में उत्पात मचाने से तकरीबन दो दिनों तक रेल गाड़ियों को रदद करने, उनके रूट बदलने से कई सौ करोड़ रूपये का रेल विभाग को घाटा उठाना पड़ा है. और यह सब हुआ केवल प्रचार में चूक मात्र से.
इसके अलावा हंगामे के बाद अग्निपथ योजना से कई अन्य योजनाओं को भी जोड़ने का ऐलान किया गया है. यदि दूरअंदेशी से काम लेते हुए यह काम पहले ही किया गया होता तो यह नौबत किसी हाल में नहीं आती.
बहरहाल, विभिन्न माध्यमों से अब इस चूक को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी से अग्निपथ और अग्निवीरों को लेकर होने वाले लाभ और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारियां साझा की जा रही हैं. इसपर नजर मारी जाए तो निश्चित ही लगेगा कि यह हमारे युवाओं का भविष्य संवारने वाला मील का पत्थर साबित होगा.
भारत सरकार ने सशस्त्र बलों में अग्निपथ भर्ती योजना के बारे में आशंकाओं को दूर करने और अग्निवीरों को समर्थन सुनिश्चित करने के लिए कई लाभकारी और सहायक उपायों की घोषणा की है.
गृह मंत्रालय और कई राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि 4 साल तक सशस्त्र बलों की सेवा करने के बाद, पुलिस बलों में रिक्त पदों को भरने के लिए अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी. कई अन्य विभागों ने भी अग्निपथ योजना को समर्थन देने की घोषणा की है ताकि अग्निपथ की क्षमताओं को बढ़ाया जा सके.
उनके लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके. साथ ही, अपने कौशल को बढ़ाकर, अग्निवीर एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अत्यधिक अनुशासित युवा शक्ति होगी जिसे राष्ट्र निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
तटरक्षक और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में आरक्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय में 10 प्रतिशत रिक्तियों के आरक्षण को मंजूरी दे दी है. 10 प्रतिशत आरक्षण भारतीय तटरक्षक और रक्षा पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (एचएएल, बीईएल, बीईएमएल, बीडीएल, जीआरएसई, जीएसएल, एचएसएल, एमडीएल, मिधानी, एवीवीएनएल, एडब्ल्यूईआईएल, एमआईएल, वाईआईएल, जीआईएल, आईओएल, टीसीएल) में लागू किया जाएगा.
इन प्रावधानों को लागू करने के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे. रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सलाह दी जाएगी कि वे अपने भर्ती नियमों में समान संशोधन करें. उपरोक्त पदों पर अग्निवीरों की भर्ती के लिए आयु में आवश्यक छूट का प्रावधान भी किया जाएगा.
भर्ती के लिए आयु में छूट
सरकार ने 2022 के भर्ती चक्र के दौरान अग्निवीरों की भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने के निर्णय की घोषणा की है. यह निर्णय इस तथ्य को देखते हुए लिया गया था कि पिछले दो वर्षों से भर्ती संभव नहीं थी. रक्षा मंत्री ने एक बयान में कहा कि सैन्य मामलों का विभाग, रक्षा मंत्रालय और सेनाएं जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सीएपीएफ में भर्ती
गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए भर्ती के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए निर्धारित ऊपरी आयु सीमा से परे अग्निवीरों को तीन साल की छूट देगा.
मंत्रालय ने ट्वीट श्रृंखला में बताया है कि अग्निवीरों के पहले बैच के लिए आयु में 5 वर्ष की छूट देने की घोषणा की है.
मर्चेंट नेवी में भर्ती
भारतीय नौसेना के साथ पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत नौवहन महानिदेशालय ने मर्चेंट नेवी में अग्निवीरों को सुचारू रूप से शामिल करने के लिए एक प्रणाली की घोषणा की है.
इसके तहत, पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अग्निवीरों के कार्यकाल के बाद भारतीय नौसेना के मर्चेंट नेवी की विभिन्न भूमिकाओं में अग्निवीरों को शामिल करने के लिए छह आकर्षक सेवा क्षेत्रों की घोषणा की.
इस प्रकार समृद्ध नौसैनिक अनुभव और पेशेवर प्रमाणन के साथ आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अग्निवीर दुनिया भर में लाभकारी मर्चेंट नेवी में शामिल होने में सक्षम होंगे. पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संगठन, नौवहन महानिदेशालय द्वारा मुंबई में इन प्रावधानों की घोषणा की गई.
अग्निवीरों के लिए इन उपायों में भारतीय नौसेना में रेटिंग से मर्चेंट नेवी में प्रमाणित रेटिंग में प्रवेश, भारतीय नौसेना में इलेक्ट्रिकल रेटिंग से मर्चेंट नेवी में प्रमाणित इलेक्ट्रो तकनीकी रेटिंग में प्रवेश, भारतीय नौसेना में रेटिंग से प्रमाणित श्रेणी प्ट-एनसीवी सीओसी धारक के लिए मर्चेंट में प्रवेश, नौसेना, भारतीय नौसेना में विद्युत रेटिंग से मर्चेंट नेवी में प्रमाणित इलेक्ट्रो तकनीकी अधिकारियों के लिए प्रवेश और भारतीय नौसेना में कुक से प्रमाणित कुक मर्चेंट नेवी में प्रवेश शामिल हैं. पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय उन अग्निशामकों के लिए आईएनडीओएस और सीडीसी जारी करेगा जो भारतीय नौसेना के माध्यम से उक्त उपायों में से किसी एक का पता लगाने का इरादा रखते हैं.
मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिकल स्ट्रीम में आईटीआई ट्रेड सर्टिफिकेट वाले अग्निवीरों के लिए कुछ उपाय तैयार किए गए हैं, जो या तो इन योग्यताओं के साथ शामिल हो रहे हैं या भारतीय नौसेना के अपने कार्यकाल के दौरान इन्हें प्राप्त कर रहे हैं.
एनआईओएस 10वीं पास अग्निवीरों के लिए 12वीं पास प्रमाणपत्र की सुविधा
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अपने स्वायत्त संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के माध्यम से घोषणा की है कि वह रक्षा अधिकारियों के परामर्श से एक विशेष कार्यक्रम शुरू करेगा, जिससे 10वीं कक्षा पास करने वाले अग्निवीरों को उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने और भविष्य में तरक्की करने के लिए सक्षम बनाया जा सकेगा.
अग्निवीरों को अनुकूलित पाठ्यक्रम विकसित करके 12वीं कक्षा पास का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा, जो न केवल उनके वर्तमान बल्कि भविष्य के सेवा क्षेत्रों के लिए बहुत प्रासंगिक हैं. यह प्रमाणपत्र पूरे देश में रोजगार एवं उच्च शिक्षा हेतु सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मान्यता प्राप्त रहेगा.
इससे अग्निवरों को अपने जीवनकाल के दौरान भविष्य के लिए समाज में उत्पादक भूमिका निभाने के उद्देश्य से पर्याप्त शैक्षिक योग्यता तथा कौशल हासिल करने में मदद मिलेगी. एनआईओएस का यह विशेष कार्यक्रम नामांकन, पाठ्यक्रमों के विकास, छात्रों की सहायता, स्व-शिक्षण सामग्री के प्रावधान, अध्ययन केंद्रों की मान्यता, व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम, मूल्यांकन और प्रमाणन की सुविधा प्रदान करेगा.
एनआईओएस की ओपन स्कूलिंग प्रणाली जो उपयोगकर्ता के अत्यंत अनुकूल है और पूरे देश में कहीं से भी सभी के लिए सुलभ है. वह कभी भी अग्निपथ योजना के तहत सभी अग्निवीरों के लिए अवसरों के दरवाजे खोल सकती है.
शिक्षा मंत्रालय का डिग्री कार्यक्रम
अग्निवीरों के भविष्य में करियर संभावनाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें असैन्य सेवा क्षेत्रों में विभिन्न नौकरियों की भूमिकाओं में कार्य करने के उद्देश्य से तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने रक्षा कर्मियों की सेवा की खातिर एक विशेष तीन वर्षीय कौशल आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है, जो रक्षा प्रतिष्ठानों में उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा प्राप्त किए गए प्रशिक्षण और उनके सीखे गए कौशल को पहचान देगा.
इस विशेष कार्यक्रम के तहत, जिसे इग्नू द्वारा संकल्पित किया गया है और इग्नू द्वारा ही निष्पादित भी किया जाएगा. इसमें स्नातक की डिग्री के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत और शेष क्रेडिट कौशल प्रशिक्षण से निर्धारित किया जाएगा.
इन दोनों के लिए तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में अग्निवीरों द्वारा प्राप्त अंकों और श्रेणी की विशेष गणना होगी. इसके बाद शेष 50 प्रतिशत के लिए भाषा, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, गणित, शिक्षा, वाणिज्य, पर्यटन, व्यावसायिक अध्ययन, कृषि तथा ज्योतिष जैसे विषयों में एक विस्तृत विविधतापूर्ण पाठ्यक्रम को कवर करने वाले समायोजन से इसे निर्धारित किया जाएगा.
साथ ही इसमें क्षमता वृद्धि पाठ्यक्रम का भी मूल्यांकन होगा. इसके अतिरिक्त अंग्रेजी, पर्यावरण अध्ययन और संचार कौशल पर भी ध्यान दिया जाएगा.यह कार्यक्रम यूजीसी मानदंडों के साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क , राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ जुड़ा हुआ है.
इसमें कई निकास बिंदुओं का प्रावधान भी है - प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर स्नातक प्रमाणपत्र, प्रथम व द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर स्नातक डिप्लोमा और तीन वर्ष की समय सीमा पूरा होने या सभी पाठ्यक्रमों के पूरा होने पर डिग्री प्रदान करना.
इन कार्यक्रमों की रूपरेखा को संबंधित नियामक निकायों - अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) तथा राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) और यूजीसी द्वारा विधिवत मान्यता दी गई है.
उन्हें डिग्री इग्नू द्वारा यूजीसी नामकरण (बीएय बी कॉमय बीए (व्यावसायिक)य बीए (पर्यटन प्रबंधन) के अनुसार प्रदान की जाएगी. यह रोजगार एवं शिक्षा के लिए भारत तथा विदेश दोनों में मान्यता प्राप्त होगी.
उद्यमिता और नौकरियों के लिए कौशल विकास
स्किल इंडिया और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) छात्रों को असैन्य नौकरियों के लिए बेहतर तथा अनुकूल बनाने के उद्देश्य से अतिरिक्त कौशल में प्रशिक्षित करने हेतु सशस्त्र बलों के विभिन्न विंग्स के साथ मिलकर काम करेंगे.
अग्निवीरों को सेवा में रहते हुए ही स्किल इंडिया सर्टिफिकेशन मिलेगा और यह उनको उद्यमिता तथा नौकरी की भूमिकाओं में कई विविध अवसरों को हासिल करने में सक्षम बनाएगा, जो कि उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद हमारी अर्थव्यवस्था में ही पैदा होने वाले हैं.
स्किल इंडिया के सभी संगठन - प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), विभिन्न क्षेत्र कौशल परिषद, उद्यमिता संस्थान एनआईईएसबीयूडी और आईआईई के साथ कौशल नियामक एनसीवीईटी भी इस कार्यक्रम से जुड़े होंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अग्निवीर सेवा में रहते हुए अपनी नौकरी की भूमिकाओं से संबंधित आवश्यक कौशल प्रमाणपत्र प्राप्त कर लें.
नौकरी के दौरान ही सीखे गए कुछ कौशल को एनएसक्यूएफ पाठ्यक्रम के साथ सीधा मान्यता प्राप्त हो सकती है. जबकि कुछ के लिए अतिरिक्त ऑनलाइन या ऑफलाइन, सैद्धांतिक अथवा व्यावहारिक कौशल के साथ अपने ऑन-द-जॉब अनुभव के आधार पर कार्य करना आवश्यक हो सकता है.
इन विवरणों के साथ सशस्त्र बलों के प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षण मूल्यांकनकर्ताओं के लिए किसी भी प्रशिक्षण मुख्य रूप से सशस्त्र बलों द्वारा किया गया मूल्यांकन एवं इन्हें प्रमाणित करने के लिए सभी मान्य पहलुओं पर कार्य किया जा रहा है.
सेवा से बाहर निकलने के समय इन युवा अग्निवीरों के सामने संपूर्ण कौशल पारिस्थितिकी तंत्र खुला हुआ होगा, जिससे वे उपलब्ध कई अपस्किलिंग -बहु-कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता पाठ्यक्रमों से लाभान्वित होंगे.
अग्निवीरों के लिए ऋण सुविधाएं
कार्यक्रम के दौरान उन तरीकों की पहचान करने के लिए जिसमें बैंक तथा वित्तीय संस्थान अग्निवीरों को उनके सेवा में रहते हुए कार्यकाल के पूरा होने पर सहायता कर सकते हैं, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) तथा सार्वजनिक क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक की.
बीमा कंपनियां (पीएसआईसी) और वित्तीय संस्थान (एफआई) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पीएसबी, पीएसआईसी और एफआई उपयुक्त लाभध्छूट आदि के माध्यम से अग्निवीरों की शैक्षिक योग्यता एवं कौशल के आधार पर उपयुक्त क्षमताओं में उनके लिए रोजगार के अवसरों का पता लगाएंगे.
यह भी निर्णय लिया गया कि बैंक कौशल उन्नयन, व्यवसाय स्थापित करने के लिए शिक्षा तथा स्वरोजगार के लिए उपयुक्त ऋण सुविधाओं के माध्यम से अग्निवीरों को सहयोग देने की संभावनाओं का पता लगाएंगे. मौजूदा सरकारी योजनाओं जैसे मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया आदि का उपयोग अग्निवीरों को इस तरह की सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा.
राज्य पुलिस बलों में प्रमुखता
कई राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि 4 साल तक सशस्त्र बलों की सेवा करने के बाद, राज्य पुलिस बलों में रिक्त पदों को भरने के लिए अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी. सशस्त्र बलों द्वारा अग्निवीरों को दिए गए प्रशिक्षण एवं अनुशासन से राज्य पुलिस बलों को बहुत लाभ होगा और उग्रवाद, नक्सलवाद तथा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में उनकी क्षमताओं में अत्यधिक वृद्धि होगी.
कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रशिक्षण
कई कॉरपोरेट घरानों एवं उद्योग निकायों ने सशस्त्र बलों के लिए नई और परिवर्तनकारी भर्ती प्रक्रिया का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से प्रशिक्षित, अनुशासित व तकनीकी रूप से जानकार युवा जो सशस्त्र बलों में अपनी सेवा पूरी करते हैं, वे हमारे संगठनों के लिए मूल्यवान संपत्ति साबित होंगे.
इनपुट पीआईबी