‘राइज ऑफ द फीनिक्स’ में उजागर हुआ अपोलो टायर्स की अनकही कहानी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-12-2025
The untold story of Apollo Tyres is revealed in the new book 'Rise of the Phoenix'.
The untold story of Apollo Tyres is revealed in the new book 'Rise of the Phoenix'.

 

नई दिल्ली

प्रख्यात बिजनेस लीडर उदयन द्रविड़ ने अपनी नई किताब “राइज ऑफ द फीनिक्स: द अपोलो टायर्स स्टोरी” लॉन्च की है। यह किताब भारतीय निर्माण क्षेत्र की सबसे उल्लेखनीय कॉर्पोरेट टर्नअराउंड यात्राओं में से एक का अंदरूनी दृष्टिकोण पेश करती है।

किताब में द्रविड़ ने बताया है कि किस तरह एक संघर्षरत और स्थापित कंपनी ने स्पष्ट रणनीति, टीम सशक्तिकरण और लगातार कार्यान्वयन के जरिए खुद को दोबारा खड़ा किया। उन्होंने लिखा है कि “ये सामान्य लोग extraordinary बन गए, जब उन्हें विश्वास, सशक्तिकरण और अलग सोचने की स्वतंत्रता मिली।”

किताब में उस समय की चुनौतियों और बहादुरीपूर्ण निर्णयों का वर्णन है, जैसे राष्ट्रीय मूल्य नीति लागू करना, जो तीन दशक पहले बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता लेकर आया। इसके परिणामस्वरूप कंपनी ने 18 महीनों में लगभग 100 कार्यालय और 7 वितरण केंद्र खोले, और बिक्री ₹180 करोड़ से बढ़कर ₹1,000 करोड़ तक पहुंच गई।

उदयन् द्रविड़ ने कहा, “टर्नअराउंड्स कभी सिर्फ नेतृत्वकर्ताओं के ही बारे में नहीं होते। यह सशक्त टीमों, स्पष्ट इरादों और जमीन पर मेहनत करने की चाहत के बारे में हैं। मैं चाहता था कि लोग जानें कि असली भारत बोर्डरूम प्रेजेंटेशन में नहीं दिखता।”

पूर्व वित्त सचिव डॉ. विजय केलकर की प्रस्तावना वाली यह किताब उद्यमियों, कार्यकारी अधिकारियों और छात्रों के लिए प्रबंधन की सीख और प्रेरणा का स्रोत है।

कीमत और उपलब्धता: किताब ₹499 में उपलब्ध है और इसे Amazon, Flipkart और चुनिंदा ऑफलाइन स्टोर से खरीदा जा सकता है। लॉन्च के कुछ ही घंटों में यह Amazon की बेस्ट सेलर्स लिस्ट और Hot New Releases में शामिल हो गई।

लेखक के बारे में:
उदयन् द्रविड़, BITS पिलानी के रासायनिक इंजीनियर और पंजाब विश्वविद्यालय से प्रबंधन विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपोलो टायर्स, हच, सुभिक्षा, अदित्य बिड़ला रिटेल और फोर्टिस हेल्थकेयर जैसी कंपनियों में नेतृत्व भूमिका निभाते हुए उद्योगों में परिवर्तन लाया है। वे तीन बार उद्यमी भी रह चुके हैं और वर्तमान में स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक्स और कृषि क्षेत्रों में सक्रिय हैं।