नई दिल्ली
बैंगन दुनिया की सबसे लोकप्रिय सब्ज़ियों में से एक है। इसका उपयोग तरह-तरह के व्यंजनों में किया जाता है। फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बैंगन को आमतौर पर एक स्वास्थ्यवर्धक आहार माना जाता है। अधिकांश लोग इसे बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह हानिकारक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं, बैंगन खाने से किन लोगों को समस्या हो सकती है—
बैंगन नाइटशेड परिवार की सब्ज़ी है, जिसमें टमाटर, आलू और शिमला मिर्च भी शामिल हैं। इस समूह के प्रति संवेदनशील लोगों को बैंगन खाने के बाद त्वचा में जलन, सिरदर्द, या पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। गंभीर स्थिति में एलर्जी और सूजन तक हो सकती है। ऐसे लोगों को बैंगन से बचना चाहिए।
बैंगन में ऑक्सालेट पाया जाता है। यह यौगिक गुर्दे में पथरी बनने का कारण बन सकता है। जिन लोगों को पहले से गुर्दे की समस्या है या पथरी की आशंका है, उन्हें बैंगन कम मात्रा में ही खाना चाहिए, ताकि किडनी पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
बैंगन में आहारीय फाइबर भरपूर होता है। सामान्य तौर पर यह पाचन के लिए लाभकारी है, लेकिन इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) या संवेदनशील पाचन तंत्र वाले लोगों के लिए यह हानिकारक हो सकता है। अधिक बैंगन खाने से उन्हें पेट फूलना, बेचैनी या दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
बैंगन में थोड़ी मात्रा में टायरामाइन (Tyramine) पाया जाता है। यह यौगिक उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है जो मोनोमाइन ऑक्सीडेज इनहिबिटर (MAOI) नामक दवा ले रहे हैं (ये दवाइयाँ अवसाद के इलाज में उपयोग होती हैं)। ज्यादा बैंगन खाने से इन लोगों का ब्लड प्रेशर असामान्य रूप से बढ़ सकता है। इसलिए दवा लेने वाले मरीजों को बैंगन खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
बैंगन के छिलके में नासुनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। यह आयरन से जुड़कर शरीर में उसकी उपलब्धता को कम कर देता है। इसलिए एनीमिया या आयरन की कमी से जूझ रहे लोगों को बैंगन का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, वरना शरीर को आवश्यक आयरन नहीं मिल पाएगा।