राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
भारत की समधर्मी प्रकृति का मतलब है कि कई परंपराओं ने वर्षों से विभिन्न धर्मों के अंशों को अवशोषित किया है, देश में आस्थाओं की विविधता के लिए धन्यवाद. तेय्यम प्रदर्शनों में इस्लामी प्रथाओं को शामिल करना इस तरह के समावेशन का एक प्रमुख उदाहरण है. तेय्यम उत्तरी केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में अक्सर आयोजित हिंदू अनुष्ठानिक नृत्य है. अधिकांश तेय्यम प्रदर्शन हिंदू और आदिवासी दंतकथाओं को चित्रित करते हैं. कुछ क्षेत्रों में नृत्य रूप में मुस्लिम पात्र भी शामिल हैं.
ऐसी ही एक समन्वित परंपरा को प्रदर्शित करने वाले एक वीडियो में प्रदर्शन की शुरुआत में दो तेय्यम कलाकारों को दिखाया गया है. दिलचस्प बात यह है कि ऐसा लगता है कि उनमें से एक बांकू के लिए इस्लामिक प्रार्थना का पाठ कर रहा है और भक्त उसे घेर लेते हैं.
🥺🥺 Kerala Theyyam with Islamic prayer said first. Our unity is centuries old. pic.twitter.com/5V6yiaYsEl
— (((Dominique Fisherwoman))) 💙 (@AbbakkaHypatia) January 11, 2023
इस आशय का एक वीडिया डोमिनिक फिशरवीमेन एक लोकप्रिय ट्विटर अकाउंट द्वारा ऑनलाइन साझा किया गया और इस क्लिप को कैप्शन दिया गया था, “इस्लामिक प्रार्थना के साथ केरल तेय्यम. हमारी एकता सदियों पुरानी है”.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल फरवरी में भी एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक मुथप्पन तेय्यम कलाकार एक मुस्लिम महिला को सांत्वना दे रहा था. वीडियो उत्तरी केरल के कासरगोड जिले के एक परिवार में बनाया गया था. दो मिनट और 50 सेकंड की इस क्लिप में, अनुसूचित जाति वन्नन समुदाय के एक तेय्यम कलाकार, सनी पेरुवन्नन महिला को आशीर्वाद देते हुए कहते हैं, ‘‘मेरे लिए, मस्जिद और मंदिर अलग नहीं हैं.’’