आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
जिन लोगों को रात में बिना किसी मशक्कत के नींद आ जाती है, वे वाकई भाग्यशाली हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जो सोने के लिए घंटों करवटें बदलते रहते हैं। लाइट मंद करना, मोबाइल फोन दूर रखना, या सोने से पहले कुछ गर्म पीना—ये आदतें भी हमेशा कारगर नहीं होतीं। ऐसे में कुछ खास पेय आपकी मदद कर सकते हैं, जिनमें से एक है जीरा वाला दूध।
गर्म दूध तो लंबे समय से सोने से पहले पीने की परंपरा का हिस्सा रहा है, लेकिन इसमें जीरा मिलाने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। खासतौर पर पाचन सुधारने, तनाव घटाने और गहरी नींद लाने में यह बेहद असरदार माना जाता है।
भारत और मध्य-पूर्व के कुछ हिस्सों में पारंपरिक रूप से पिया जाने वाला यह पेय एक गिलास गर्म दूध में थोड़ा सा जीरा पाउडर मिलाकर तैयार किया जाता है। पाचन सुधारने, शरीर को शांत करने और नींद की गुणवत्ता बढ़ाने वाले गुणों के कारण यह स्वास्थ्य-जागरूक लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
आयुर्वेद में जीरा (Cuminum cyminum) को "जीरक" कहा जाता है, जिसका अर्थ है—पाचक। यह हल्का (लघु), सूखा (रुक्ष) और गर्म (उष्ण) माना जाता है, जो कफ और वात दोष को संतुलित करने में सहायक है। जब इसे दूध के साथ मिलाया जाता है, तो यह पोषण और शीतलता का संतुलित मिश्रण बन जाता है, जो लगभग सभी के लिए फायदेमंद है।
जी हाँ। जीरे में मेलाटोनिन पाया जाता है, जो नींद-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है। इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन नैदानिक शोध में नींद की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक पाया गया है।
2024 में फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक डबल-ब्लाइंड अध्ययन के अनुसार, जीरे के अर्क (BCO-5) ने नींद की दक्षता को बेहतर बनाया, सोने में लगने वाला समय घटाया और कुल नींद की अवधि बढ़ाई।
दूसरी ओर, दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन—दोनों नींद नियंत्रित करने वाले हार्मोन—के उत्पादन में मदद करता है। नींद विशेषज्ञ और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. माइकल ब्रूस भी मानते हैं कि गर्म दूध अपने ट्रिप्टोफैन की वजह से बेहतर नींद में सहायक है।
जीरा और दूध मिलकर एक ऐसा शांतिदायक मिश्रण बनाते हैं, जो पाचन और तंत्रिका तंत्र—दोनों को संतुलित करता है। अगर आप सोने से पहले की दिनचर्या में इसे शामिल कर लें, तो यह आपकी नींद को गहरी और आरामदायक बना सकता है।