If you want to have delicious Mughlai breakfast at Al Jawahar then come to Old Delhi.
-फ़िरदौस ख़ान
पुरानी दिल्ली का मुग़लई नाश्ता बहुत मशहूर है. हालांकि यहां चप्पे-चप्पे पर मुग़लई नाश्ता मिलता है, लेकिन जामा मस्जिद के गेट नम्बर एक के पास स्थित अल जवाहर होटल के मुग़लई नाश्ते की बात ही कुछ और है. यह होटल मुग़लई नाश्ते और खाने के लिए जाना जाता है. इसे खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. देशी और विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद ही मुग़लई नाश्ता है.
इसमें नहारी और पाये शामिल हैं, जो नान यानी मोटी ख़मीरी रोटी के साथ खाये जाते हैं. कहा जाता है कि जब जामा मस्जिद की तामीर की जा रही थी, उस वक़्त रात में धीमी आंच पर नहारी पकायी जाती थी और सुबह नाश्ते में मज़दूरों को खिलाई जाती थी. नहार मुंह खाने की वजह से इसका नाम नहारी पड़ गया. भारी नाश्ता करने की वजह से मज़दूरों में काम करने की ताक़त बनी रहती थी.
मुहम्मद आरिस बताते हैं कि साल 1947 में उनके परदादा बदरुद्दीन ने इसकी शुरुआत की थी. इसका उदघाटन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था. उनके परदादा नेहरू जी को बहुत मानते थे, इसलिए उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर इसका नाम अल जवाहर रखा.
उन्होंने मीनू में मुग़लई खाने रखे. उनके दादा शिजाउद्दीन ने अपने वालिद के काम को आगे बढ़ाया. फिर उनके वालिद मोहम्मद अख़्तर, चाचा अकरम और आसिफ़ ने खाने के इस कारोबार को संभाला. वे चौथी पीढ़ी हैं, जो इस काम में लगे हुए हैं.
वे कहते हैं कि यह उनका पुश्तैनी काम है और ये देखकर बहुत ख़ुशी होती है कि उनके यहां सेलिब्रिटी भी आते हैं. गुज़श्ता रमज़ान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी यहां आए थे. वे कई बार यहां आ चुके हैं. उन्हें यहां का खाना बहुत पसंद है.
वे बताते हैं कि सुबह आठ बजे से रात 12 बजे तक होटल खुला रहता है. सुबह नाश्ते में नहारी और पाये होते हैं. इनके साथ नान सर्व किए जाते हैं. दोपहर और रात के खाने में बिरयानी, नहारी, पाये, क़ौरमा, क़ीमा, स्टू, कबाब, टिक्का व गोश्त से बने क़िस्म-क़िस्म के व्यंजन होते हैं.
यहां गोश्त में पकी दाल और गोश्त में पकी सब्ज़ियां भी होती हैं. यहां कई तरह की बिरयानी होती है. कबाब भी कई क़िस्म के होते हैं. रोटी में नान, रुमाली रोटी, पराठे और शीरमाल आदि शामिल हैं. यहां मटन के साथ-साथ चिकन और मछली के व्यंजन भी मिलते हैं. यहां तन्दूरी और तला हुआ चिकन और तली हुई मछली भी मिलती है. यहां सूप और खीर भी मिलती है. इसके अलावा यहां शाकाहारी खाना भी मिलता है.
मोहम्मद आमिर कहते हैं कि खाना पकाते वक़्त साफ़-सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखा जाता है. मसाले भी शुद्ध ही इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि खाने का ज़ायक़ा बरक़रार है. ये यहां के खानों की लज़्ज़त ही है, जो दूर-दूर से लोग यहां खिंचे चले आते हैं. यहां सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ लगी रहती है. यहां का माहौल बहुत ही पारिवारिक है, इसलिए लोग अपने परिवार के साथ भी यहां खाना खाने के लिए आते हैं.
फ़िज़ा कहती हैं कि इतवार को छुट्टी होती है. ऐसे में दिल करता है कि बाहर खाना खाया जाए. वे अकसर इतवार को घूमने जाते हैं, तो बाहर ही खाना खाते हैं. जामा मस्जिद इलाक़े में अल जवाहर होटल उनकी पहली पसंद है. यहां का खाना तो लज़ीज़ होता ही है. इसके अलावा यहां का माहौल भी अच्छा है और साफ़-सफ़ाई भी ख़ूब है.
होटल में काम करने वाले ज़ुहैब बताते हैं कि बहुत से सेलिब्रिटी यहां आते हैं. इनमें राजनेताओं के साथ-साथ अभिनेता और गायक भी शामिल हैं. चर्चित स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी, चर्चित गायक अरमान मलिक और सावधान इंडिया के होस्ट सुशांत सिंह भी यहां आ चुके हैं. वे बताते हैं कि प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेत्री करिश्मा कपूर को यहां का खाना बहुत पसंद है. वे अकसर यहां से खाना मंगवाती हैं.