हरियाणा : मेव मुस्लिम बहुल क्षेत्र में गौशाला स्थापित करने को गो सेवा आयोग करेगा प्रोत्साहित

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 20-07-2022
हरियाणा : मेव मुस्लिम बहुल क्षेत्र में गौशाला स्थापित करने को गो सेवा आयोग करेगा प्रोत्साहित
हरियाणा : मेव मुस्लिम बहुल क्षेत्र में गौशाला स्थापित करने को गो सेवा आयोग करेगा प्रोत्साहित

 

यूनुस अलवी/ नूंह  (हरियाणा )
 
यूं तो हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के सीमा वर्ती इलाके में पसरे मुस्लिम बहुत मेवात क्षेत्र में गोपालन रोजी-रोटी का मुख्य जरिया रहा है. मगर अब इसमें और विस्तार की योजना है.

हरियाणा गो सेवा आयोग मेवात में मुसलमानों के गोशाला स्थापित करने पर जो रहा है. बता दें कि मेवातियों का दूध का धंधा मुख्य पेशा है. इनके अत्याधिक दिलचस्पी लेने के कारण हरियाणा डेरी सोसायटी वीटा के चिलिंग प्लांट और कई कलेक्शन सेंटर भी हैं. अब इसमें और तेजी लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.
 
हरियाणा के मेवात क्षेत्र के नूंह जिले के शाह चोखा गांव में गो सेवा आयोग केनवनियुक्त सदस्य हकीम आस मोहम्मद ने एक कार्यक्रम के दौरान इसका खुलासा किया. इस दौरान कई गांवों के प्रमुख लोग मौजूद रहे. उन्होने कार्यक्रम में न केवल आस मोहम्मद का फूल-मालाओं से स्वागत किया मेवात में गोला स्थापित करने में हर संभव मदद का भरोसा भी दिया.
 
गो सेवा आयोग के चेयनमैन भानी राम मंगला भी इसी क्षेत्र से आते हैं. बता दें कि हकीम आस मोहम्मद के प्रयासों से ही इस बार मेवात से बकरीद में प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी का कोई मामला सामने पेश नहीं आया. 
 
वह कहते हैं कि मेवात हमेशा से अमन-भाईचारा का संदेश देता रहा है. इधर कुछ लोगों की कथित गोहत्या में संलिप्ता के चलने के कारण भारी बदनामी झेलनी पड़ी, जब कि मेवात के मथुरा के करीब होने के कारण मेवातियों का गाय से हमेशा से लगाव रहा है.
 
हकीम आस मोहम्मद ने कहा मेवात मुस्लिम बहुल्य इलाका है. यहां पर देश में सबसे ज्यादा गोपालन होता है. ऐसे में अब मुस्लिम लोगों को गौशाला खोलने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है. ऐसे लोगों के लिए आयोग और हरियाणा सरकार हर तरह से मदद को तैयार है.
 
उन्होने मुस्लिम समाज से आहवान किया कि वे गायों को पहुंचाने की बजाए उसके संरक्षण में आगे आएं. गाय हरियाणा में प्रतिबंधित पशु होने के साथ धर्म आस्था की प्रतीक है.
 
मेवात के कुरैशी समाज के सलामुद्दीन कुरैशी, डाक्टर बशीर अहमद ने हकीम आस मोहम्मद को गोसेवा आयोग का सदस्य बनाए जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करने के साथ्स गौशाला स्थापित करने में प्रदेश सरकार का हरसंभव सहयोग देने का वादा किया.
 
इस मौके पर इद्रीस फलैंडी, शम्सुदीन नंबरदार, जान मोहम्मद, अल्ताफ हुसैन, बशीर अहमद, सलामुद्दीन कुरैशी सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद रहे.
mewat
मेवात के गोभक्त मुसलमान : बेटी की शादी में दान करते हैं गाय
 
मेवात के मुस्‍िलमों में बेटी की शादी के बाद लड़के वालों को गाय दान में देने की परंपरा है. लगभग हर गांव में गाय जरूर मिलेंगी. जबकि गुरुग्राम से अलवर तक फैला यह क्षेत्र गायों की तस्करी के लिए बदनाम रहा है.
 
मुस्लिम बहुल इस जिले के फिरोजपुर झिरका कस्बे के पास एक गांव है पाटखोरी. इसमें करीब एक हजार गायों का पालन पोषण हो रहा है.
जिले में पांच सौ से अधिक परिवार ऐसे हैं जिनके पास 50 से लेकर 100 गाएं हैं.
 
नूंह के गांव जयसिंहपुर का रहने वाला पहलू खां भी था, जिसकी कथित तौर पर गायों की तस्करी करने के आरोप में गोरक्षकों ने अलवर (राजस्थान) में पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी.
 
पाटखोरी गांव के गोपालक जाकिर कहते हैं गाय तो हमारे पूर्वज भी रखते आए हैं. गायों ने हमें दूध दिया. हमारा पेट पाल. उन्हें हम माता और देवी के रूप में मानते हैं.
 
मेवात में पशुपालन विभाग के डिप्‍टी डायरेक्‍टर रहे डॉ. नरेंद्र सिंह कहते हैं कि इस समय मेवात में लगभग 45 हजार गाय हैं. यहां के लोगों का मूल काम किसानी और पशुपालन है.
 
मेवात में गाय केयर अभियान से जुड़े राजुद्दीन कहते हैं कि यहां 50 से 100 गाय पालने वाले कम से कम 500 परिवार हैं. दो-तीन गाय तो हजारों परिवारों के पास हैं.
 
उनके मुताबिक नगीना के रमजान के पास 200, झिमरावट के मुबारक के पास 105 और यहीं के हकीमुदीन के पास 100 गाय हैं. मुस्लिम राष्‍ट्रीय मंच के प्रदेश अध्‍यक्ष खुर्शीद राजाका कहते हैं यहां के लोग गायों के रक्षक हैं. वह गोकशी करने वालों के खिलाफ खड़े होते हैं.