आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पीठ और कमर दर्द एक आम समस्या बन गई है। पहले यह समस्या मुख्यतः बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब 18-25 वर्ष के युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
ऑफिस में घंटों कंप्यूटर के सामने एक ही मुद्रा में बैठे रहना, मोबाइल का अधिक उपयोग करना या शारीरिक गतिविधि की कमी — ये सभी कारण रीढ़ की हड्डी और पीठ की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से न केवल पीठ और गर्दन में दर्द होता है, बल्कि आंखों में तनाव, दृष्टि हानि, धीमा रक्त संचार, मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और मानसिक तनाव का खतरा भी बढ़ जाता है।
बचाव के उपाय
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हर 30 मिनट में उठकर थोड़ी देर टहलें।
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स्ट्रेचिंग करें और सही मुद्रा में बैठें।
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कुर्सी पर बैठते समय रीढ़ सीधी रखें, घुटने 90 डिग्री के कोण पर हों और पैर ज़मीन पर टिके हों।
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पीठ के सहारे के लिए छोटा तकिया इस्तेमाल करें।
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स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें।
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पर्याप्त पानी पिएं और संतुलित आहार लें।
गलत आदतें जो नुकसान पहुंचाती हैं
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गलत तरीके से बैठना या खड़ा होना।
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लंबे समय तक एक ही स्थिति में बने रहना।
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शारीरिक व्यायाम की कमी।
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अचानक झुककर काम करना।
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भारी वजन उठाना।
फ़र्श पर बैठने के फायदे
पतली चादर बिछाकर फ़र्श पर बैठकर खाना या पढ़ाई करना रीढ़ की हड्डी पर दबाव कम करता है और पीठ की मांसपेशियों में स्वाभाविक खिंचाव लाता है।
रीढ़ की हड्डी के लिए उपयोगी व्यायाम (10-15 मिनट रोज़)
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कैट-काउ स्ट्रेच – लचीलापन बढ़ाता है।
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चाइल्ड पोज़ – मांसपेशियों को आराम देता है।
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ब्रिज एक्सरसाइज – कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
भारी वजन उठाने में सावधानी
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हमेशा घुटनों को मोड़कर वजन उठाएं।
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पीठ को झुकाने से बचें।
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वजन को शरीर के करीब रखें।
डॉक्टर की सलाह कब लें
यदि दर्द पुराना या गंभीर हो, तो हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और जरूरत पड़ने पर एमआरआई करवाएं।