नई दिल्ली
मीठा किसे पसंद नहीं? किसी के लिए भोजन का अंत मिठाई के बिना अधूरा लगता है, तो किसी को दिन भर मीठा खाने की तीव्र चाह बनी रहती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा चीनी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है—यह उच्च रक्तचाप, वजन बढ़ने, मधुमेह और फैटी लिवर जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ाती है। अच्छी बात यह है कि मिठास से पूरी तरह दूरी बनाना जरूरी नहीं। आप चीनी की जगह प्राकृतिक और पौष्टिक विकल्प अपनाकर स्वाद के साथ सेहत भी पा सकते हैं।
नीचे चीनी के कुछ बेहतरीन प्राकृतिक विकल्प दिए जा रहे हैं, जिन्हें आप समझदारी से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं—
1. खजूर
खजूर कम कैलोरी वाला, पोषक तत्वों से भरपूर प्राकृतिक स्वीटनर है। इसमें फाइबर, खनिज और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। हालांकि खजूर काफी मीठे होते हैं, इसलिए इनका उपयोग सीमित मात्रा में करें।
कैसे इस्तेमाल करें: बीज रहित खजूर को गर्म पानी में भिगोकर ब्लेंड करें और स्मूदी, मिठाइयों या बेकिंग में पेस्ट के रूप में उपयोग करें।
2. किशमिश का पेस्ट
अगर खजूर उपलब्ध न हों, तो किशमिश या उसका पेस्ट एक बढ़िया विकल्प है। किशमिश आयरन से भरपूर होती है, जो रक्त स्वास्थ्य में सहायक है। इसमें मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स इम्युनिटी और दिमागी कार्यक्षमता को सपोर्ट करते हैं, जबकि फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है।
कैसे इस्तेमाल करें: एक कप किशमिश को गर्म पानी के साथ ब्लेंड कर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें—डेज़र्ट, ओट्स या योगर्ट में मिलाएँ।
3. गुड़
गुड़ पारंपरिक और असरदार प्राकृतिक मिठास है। यह आयरन से भरपूर होता है और पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करने में मदद करता है। नियमित और सीमित मात्रा में लेने पर यह पाचन सुधारने में सहायक हो सकता है।
कैसे इस्तेमाल करें: चाय-कॉफी में चीनी की जगह, या भोजन के बाद छोटा-सा टुकड़ा।
4. शहद
शहद प्राकृतिक स्वीटनर है, हालांकि इसमें कैलोरी अपेक्षाकृत अधिक होती है—इसलिए मात्रा पर ध्यान जरूरी है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और पाचन को सपोर्ट कर सकता है।
कैसे इस्तेमाल करें: सुबह गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना लोकप्रिय तरीका है।
कुछ ज़रूरी सावधानियाँ
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प्राकृतिक मिठास भी सीमित मात्रा में ही लें।
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मधुमेह या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों में किसी भी बदलाव से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
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लेबल पढ़ें—मिलावटी शहद/गुड़ से बचें।
निष्कर्ष:
चीनी को पूरी तरह छोड़ना मुश्किल लग सकता है, लेकिन उसके प्राकृतिक विकल्प अपनाकर आप स्वाद से समझौता किए बिना सेहत का ख्याल रख सकते हैं। संतुलन ही कुंजी है—थोड़ी मिठास, ज्यादा सेहत।






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