आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के साथ-साथ हृदय, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के सुचारू कार्य के लिए भी आवश्यक है। रोज़ाना आहार में इसकी उचित मात्रा का होना ज़रूरी है। जो लोग दूध या डेयरी उत्पाद नहीं ले पाते, उनके शरीर में अक्सर कैल्शियम की कमी हो जाती है। 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में यह समस्या और आम हो जाती है।
इसी कमी को पूरा करने के लिए कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के कैल्शियम सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं, जो कि खतरनाक हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इसकी अधिकता से पेट दर्द, मतली, थकान और यहां तक कि हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है।
यदि शरीर में कैल्शियम अधिक मात्रा में जमा हो जाए, तो इसके ये नुकसान हो सकते हैं—
कैल्शियम सप्लीमेंट लेने से पहले शरीर में कैल्शियम का स्तर और हड्डियों की घनत्व जांचना ज़रूरी है। बिना जांच और डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट लेने से गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ जाता है। अत्यधिक मात्रा में कैल्शियम से किडनी फेल होने की संभावना भी रहती है।
रक्त में कैल्शियम तंत्रिकाओं को संदेश भेजने, हार्मोन के स्राव और मांसपेशियों के संकुचन-प्रसार में मदद करता है। लेकिन इसकी अधिकता मांसपेशियों की क्रियाशीलता को बाधित कर सकती है, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द और अकड़न हो सकती है।
जरूरत से ज्यादा कैल्शियम लेने वाले पुरुष और महिलाएं अवसाद और चिंता के शिकार हो सकते हैं। सप्लीमेंट केवल आवश्यकता पड़ने पर ही, और वह भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए।
कैल्शियम की अधिकता से हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है, जो अन्य दवाओं के असर को कम कर देता है। यदि हृदय रोग की दवाएं या आयरन की गोलियां कैल्शियम सप्लीमेंट्स के साथ ली जाएं, तो दिल की धड़कन तेज होना, चक्कर आना, मतली और यहां तक कि हृदय रोग होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
शरीर में कैल्शियम का अत्यधिक जमाव कब्ज को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को पहले से ही यह समस्या है, उन्हें अतिरिक्त कैल्शियम लेने से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।