नई दिल्ली
हँसी को हमेशा खुशी, शांति और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। लेकिन अगर कहा जाए कि यही हँसी किसी की जान भी ले सकती है, तो यह सुनकर कोई भी चौंक जाएगा। हाल ही में हुए एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि ज़रूरत से ज़्यादा या अत्यधिक हँसी शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है और कुछ मामलों में यह जानलेवा भी बन सकती है।
आज की तेज़-तर्रार और तनावपूर्ण ज़िंदगी में लोग हँसना तक भूलते जा रहे हैं। इसी कारण दुनिया भर में “लाफिंग क्लब” जैसे समूह बनाए गए हैं ताकि लोग नियमित रूप से हँसकर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकें। लेकिन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक हँसी शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इंग्लैंड के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 1946 से लेकर अब तक के मामलों का विश्लेषण करते हुए पाया कि बहुत ज़ोर से या लंबे समय तक हँसना शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को बिगाड़ सकता है।
अध्ययन में सामने आया कि ज़्यादा हँसी से व्यक्ति की हृदय गति अनियमित हो सकती है, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव आ सकता है और कभी-कभी स्वरयंत्र या ग्रासनली को नुकसान भी पहुँच सकता है। कुछ मामलों में तो अत्यधिक हँसी के कारण व्यक्ति बेहोश हो गया या उसे सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि हँसी के दौरान शरीर की कई मांसपेशियाँ एक साथ सक्रिय हो जाती हैं। इससे रक्तचाप अचानक गिर सकता है और हृदय पर दबाव बढ़ सकता है। हृदय रोगियों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इससे हृदय की लय प्रभावित होती है और वाल्व पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
अत्यधिक हँसी के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी बताए गए हैं — जैसे ग्रासनली या स्वरयंत्र को क्षति पहुँचना, आँखों पर अतिरिक्त दबाव के कारण लालिमा या रक्तस्राव होना, और बुजुर्गों में असंयम (मूत्र या मल का नियंत्रण खोना) की समस्या उत्पन्न होना। कुछ मामलों में ज़ोर से हँसने से नसों पर दबाव बढ़ने से तंत्रिका क्षति भी देखी गई है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि हँसी निस्संदेह स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है — यह तनाव घटाती है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करती है और मन को प्रसन्न रखती है। लेकिन किसी भी चीज़ की अति नुकसानदेह होती है। बहुत ज़्यादा हँसना शरीर के लिए झटका साबित हो सकता है, विशेष रूप से तब जब व्यक्ति पहले से किसी हृदय या रक्तचाप की समस्या से ग्रस्त हो।
अध्ययन का निष्कर्ष स्पष्ट है — हँसी ज़रूरी है, लेकिन संयमित रूप में। शरीर की प्रतिक्रिया को समझें, और यदि हँसी के दौरान सांस फूलने, चक्कर आने या सीने में दर्द जैसी स्थिति हो, तो तुरंत सावधानी बरतें। हँसी जीवन में आनंद लाती है, परंतु उसकी अति कभी-कभी जीवन के लिए जोखिम भी बन सकती है।