लाहौर के अमीन चौधरी को हिंदुस्तान से मिला पुश्तैनी घर का दरवाजा, तो उनकी आंखें छलक पड़ीं

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 15-04-2024
Door of ancestral house and tears in eyes
Door of ancestral house and tears in eyes

 

नई दिल्ली. लाहौर के प्रोफेसर अमीन चौहान भाग्यशाली थे कि उन्हें भारत में अपने पुराने घर से एक पोषित अवशेष यानी उनके पुश्तैनी घर का दरवाजा प्राप्त हुआ, जिससे 1947 के विभाजन के दौरान, खोए हुए उनके अतीत का एक टुकड़ा वापस आ गया.

बिजनेसटुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घर और यादों के प्रतीक इस दरवाजे ने बटाला से मुंबई, फिर दुबई, कराची और अंत में लाहौर तक एक असाधारण यात्रा की, जहां उसे प्रोफेसर अमीन चौहान तक पहुंचने का रास्ता मिला. भारत से उनके दोस्त पलविंदर सिंह ने उन्हें यह दरवाजा उपहार में दिया, जो अपने साथ यादों और इतिहास का खजाना लेकर आया था, जो उनकी स्थायी दोस्ती की निशानी है, जो सीमाओं और विभाजन के घावों के पार तक फैली हुई है.

सिंह ने चौहान को बटाला के घोमन पिंड में उनके पिता के घर का दरवाजा उपहार में दिया. इस मर्मस्पर्शी आदान-प्रदान को एक वीडियो में रिकॉर्ड किया गया, जिसने सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रियता हासिल की.

जैसे ही प्रोफेसर चौहान ने दरवाजा खोला, उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. बटाला से मुंबई, फिर दुबई, कराची और अंत में प्रोफेसर चौहान के घर लाहौर तक की यात्रा करते हुए, पुरानी लकड़ी ने यादों और कहानियों का खजाना खोल दिया. यह उन स्थायी संबंधों के एक मार्मिक प्रतीक के रूप में कार्य करता है जो लोगों को सीमाओं के पार, विभाजन द्वारा छोड़े गए घावों को पार करते हुए जोड़ता है

इंस्टाग्राम यूजर साद जाहिद द्वारा पोस्ट किया गया यह वीडियो निश्चित रूप से आपके दिलों को छू जाएगा. कई लोग इस वीडियो से प्रभावित हुए और उन्होंने इस खूबसूरत पल को देखकर अपनी खुशी व्यक्त की.

 

एक यूजर ने टिप्पणी की, ‘‘उनके लिए यह कितना भावुक क्षण है! मानवीय भावना हर चीज पर विजय पाती है!’’ एक अन्य ने लिखा, ‘‘मानवता, दोस्ती और प्यार सर्वोत्तम है.’’ एक तीसरे यूजर ने लिखा, ‘‘अद्भुत इशारा.’’

 

 

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