कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘मुसलमान’ शब्द से परहेज

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-04-2024
Avoidance of word 'Muslim' in Congress manifesto
Avoidance of word 'Muslim' in Congress manifesto

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली

देश में सर्वाधिक समय तक सत्ता में बने रहने का श्रेय नेशनल कांग्रेस पार्टी को जाता है. इस वजह से प्रत्येक चुनाव में हर वर्ग उससे एक ही सवाल पूछता है कि इस चुनाव में इसके समुदाय के लिए क्या है ? यही सवाल 2024के लोकसभा चुनाव में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक माने जाने वाला वर्ग भी कांग्रेस से पूछ रहा है. अगल बात है कि घोशणा पत्र में ‘मुसलमान’ शब्द से बहुत ज्यादा परहेज किया गया है.

वैसे, कहने को कांग्रेस के लोकसभा 2024के चुनाव में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानांे के लिए बहुत कुछ, पर इसे पढ़कर लगता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्वकाल और बीजेपी शासित प्रदेशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर लिए गए निर्णय उसके सत्ता में आते ही बदल दिए जाएंगे.

कांग्रेस ने केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा मुसलमानों को मिलने वाली मौलाना आजाद स्कालरशिप सत्ता में वापसी के बाद पुनः बहाल करने का आश्वासन दिया है.इसी तरह कांग्रेस के घोषणा पत्र के पेज नंबर 16पर उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल में बनाए गए यूसीसी कानून को निरस्त करने के संकेत दिए हैं. घोषणा पत्र के ‘नारी न्याय’ शीर्षक से महिला अधिकारों को लेकर कांग्रेस ने कई घोषणाएं की हैं.

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इसमें 10 वें प्वाइंट में दर्ज है-विवाह, उत्तराधिकार,विरासत,गोद लेना, सुरक्षा आदि के मामलों में महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार होना चाहिए. कांग्रेस सभी कानूनों की समीक्षा करेगी और महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करेगी.’’

कांग्रेस ने पिछले दिनों लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषणा पत्र का ऐलान किया है. इंडेक्स में अल्पसंख्यक को ऊपर में जगह दी गई है.कांग्रेस घोषणा पत्र के पृष्ठ संख्या 7-8पर स्थान मिला है. सत्ता में वापसी पर धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग खासकर मुस्लिम वर्ग के लिए उसके पिटारे में क्या है इसे 9प्वाइंट में समझाया गया है.

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इसके पहले प्वाइंट में बताया गया है-कांग्रेस भारत के संविधान के अनुच्छेद 15,16,25,28,29और 30के तहत अल्पसंख्यकों को मिलने वाले मौलिक अधिकारों का आदर करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी.इसके दूसरे में प्वाइंट में कहा गया -‘‘कांग्रेस भारत के संविधान के अनुच्छेद 15,16,29और 30के तहत भाषा की दृष्टि से अल्पसंख्यकों को मिलने मौलिक अधिकारों का उदार करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी.’’

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इसके एक अन्य प्वाइंट में कहा गया है-‘‘कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी के अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य,देखभाल,सरकारी नौकरी, लोक निर्माण अनुबंध,कौशल विकास,खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना भेदभाव के उचित अवसर मिले.इसी से मिलते-जुलते एक अन्य प्वाइंट में कहा गया-अल्पसंख्यक अपने मानवीय और नागरिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें इसके लिए उनका आर्थिक सशक्तिकरण आवश्यक है.कांग्रेस आसान ऋण प्रदान प्रदान करने की नीति बनाएगी.’’

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कांग्रेस के 46 पेज में कई अन्य पेजों में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों को अलग-अगल मामले में आश्वासन दिए गए हैं. इस घोषणा पत्र की मजेदार बात यह है कि इसमें ‘मुसलमान’ शब्द से बचा गया है. हर जगह धार्मिक अल्पसंख्यक का जिक्र है.