केंद्रीय बजट 2023 : तालिबान ने क्यों किया भारत का शुक्रिया ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
केंद्रीय बजट 2023 : तालिबान ने क्यों किया भारत का शुक्रिया ?
केंद्रीय बजट 2023 : तालिबान ने क्यों किया भारत का शुक्रिया ?

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने भारत के केंद्रीय बजट की सराहना की है. कहा है कि भारत अपने पड़ोसी देशों की मुसीबतों में बड़े भाई की भूमिका निभाने को तैयार है. भारत ने इस बजट में अफगानिस्तान को भी मदद देने का ऐलान किया है, जिसके बाद तालिबान की प्रतिक्रिया सामने आई.

तालिबान ने भारत के 2023-24के बजट का स्वागत किया है. कहा कि इससे देशों के बीच संबंध सुधारने में मदद मिलेगी. खामा प्रेस ने बताया कि तालिबान ने गुरुवार को भारत के केंद्रीय बजट 2023-2024का स्वागत किया. कहा कि  अफगानिस्तान को भारत की सहायता की घोषणा से दोनों देशों के बीच संबंधों और विश्वास को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख सोहेल शाहीन ने कहा कि भारत को पूर्व अधिकारियों के साथ अपने संबंध नहीं बनाए रखने चाहिए और राष्ट्रीय और पारस्परिक हित के आधार पर तालिबान सरकार के साथ संबंध स्थापित करने चाहिए.

तालिबान की यह टिप्पणी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट में अफगानिस्तान के लिए 25मिलियन डॉलर के विकास सहायता पैकेज के प्रस्ताव के बाद आई है. सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट बुधवार सुबह 11बजे पेश किया.

पिछले दो केंद्रीय बजट की तरह 2023-24का बजट भी पेपरलेस पेश किया गया.केंद्रीय बजट 2023-24 में अफगानिस्तान के लिए 200 करोड़ रुपये की विकास सहायता का प्रावधान है.तालिबान ने भारतीय घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंधों और विश्वास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

तालिबान के सोहेल शाहीन ने कहा, हम अफगानिस्तान को भारत की विकास सहायता की सराहना करते हैं. यह दोनों देशों के बीच संबंध और विश्वास बनाने में मदद करेगा.उन्होंने आगे कहा, अफगानिस्तान में विभिन्न परियोजनाएं हैंं जिन्हें भारत द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है.

यदि भारत परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करता है, तो यह दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने और अविश्वास को दूर करने में भूमिका निभाएगा. शाहीन ने कहा, अफगानिस्तान के लोग वर्तमान में गरीबी और बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं. उन्हें पहले से कहीं अधिक पुनर्निर्माण और विकास परियोजनाओं की जरूरत है.

गौरतलब है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद लगातार दूसरे साल सरकार को मान्यता नहीं देने के बावजूद भारत ने इस्लामिक देश को समर्थन देना जारी रखा है. अगस्त 2021में अफगान गणराज्य के पतन के बाद, तालिबान ने देश पर अधिकार कर लिया है.

इसके बावजूद भारत ने बार-बार अफगान लोगों के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया है. यहां तक कि देश को गेहूं, टीके और मानवीय सहायता की खेप भी भेजी है.भारत ने अफगानिस्तान को विकास सहायता में 200करोड़ रुपये देने का वादा किया है. अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद भारत की ओर से समर्थन का यह दूसरा साल है.

 शुरुआती घोषणा पिछले साल के बजट में की गई थी. भारत के बजट का स्वागत करते हुए तालिबान की वार्ता टीम के पूर्व सदस्य सोहेल शाहीन ने कहा, हम अफगानिस्तान के विकास के लिए हिंदुस्तान के समर्थन की सराहना करते हैं.

 केंद्रीय बजट 2023-24 में विदेश मंत्रालय को कुल 18,050करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के 17,250करोड़ रुपये के आवंटन से लगभग 4.64प्रतिशत अधिक है. कुल व्यय में विभिन्न देशों को विकास सहायता के रूप में 5,408 करोड़ रुपये और भारत की जी20अध्यक्षता के लिए 990 करोड़ रुपये से अधिक शामिल हैं.

भारत की पड़ोसी पहले नीति के अनुरूप, सहायता पोर्टफोलियो का सबसे बड़ा हिस्सा 2,400करोड़ रुपये के आवंटन के साथ भूटान को दिया गया है. बजट में मालदीव को सहायता के तहत अतिरिक्त 400 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.

अगस्त 2021में जब तालिबान ने काबुल में सत्ता हथिया ली थी, तो अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंधों में खटास आ गई थी और भारत द्वारा समर्थित अधिकांश पहल ठप हो गईं थी.