आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
छठ पर्व के ‘संध्या अर्घ्य’ के दिन सोमवार शाम को समूचे कोलकाता में नदियों और अन्य जलाशयों के किनारे घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया।
मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर फिर से श्रद्धालु एकत्रित होंगे और इसके साथ ही भक्ति, कृतज्ञता और पवित्रता के प्रतीक इस चार दिवसीय पर्व का समापन हो जाएगा।
कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं ने सूर्यास्त से पहले शहर के जलाशयों के आसपास 188 घाटों पर पूजा-अर्चना की।
केएमसी इनमें से 149 घाटों का रखरखाव करता है, जबकि 39 घाटों का रखरखाव कोलकाता महानगर विकास क्षेत्र द्वारा किया जाता है। प्रमुख स्थानों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए केएमसी ने छह अस्थायी घाट भी बनाए।
दक्षिण और पूर्वी कोलकाता में दोई घाट, बागबाजार, नीमतला, बाबूघाट, रानी रश्मोनी घाट और कई अन्य स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
केएमडीए ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए झीलों के पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता की रक्षा के लिए रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर झीलों में पूजा के आयोजन, पटाखे फोड़ने या तेज संगीत बजाने पर प्रतिबंध लगाते हुए लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। इसके तहत 26 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से 28 अक्टूबर को दोपहर तक इन झीलों के द्वार बंद रहेंगे।
कोलकाता के पुलिस आयुक्त मनोज कुमार वर्मा ने सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक और मंगलवार को तड़के तीन बजे से सुबह 10 बजे तक कुछ सड़कों पर यातायात प्रतिबंध जारी किए।
बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के अलावा अन्य राज्यों के हिंदू समुदायों ने भी इस उत्सव में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लोगों को छठ के अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के एक अधिकारी ने कहा कि शाम की पूजा के दौरान शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘मध्यम’ और ‘संतोषजनक’ श्रेणियों के बीच रहा।