पसमांदा मुसलमानों की स्थिति अच्छी नहीं, जातीय जनगणना में इन्हें भी शामिल किया जाएः गिरिराज सिंह

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 02-06-2022
गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह

 

सेराज अनवर/पटना 
 
बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई.इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह का अहम बयान आया है.उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमानों की स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए पिछड़ी जाति के मुसलमानों की भी गिनती की जानी चाहिए.

गिरीराज सिंह भाजपा के फायरब्रांड नेता हैं. कभी-कभी ही उनका बयान मुसलमानों को पसंद आता है. बावजूद इसके केंद्रीय मंत्री ने जातिगत जनगणना को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक से चंद घंटे पहले  बड़ा बयान दिया है.
 
उन्होंने कहा है कि हिंदू के साथ मुसलमानों की जातियों की भी गणना हो. भाजपा जातीगत जनगणना का विरोध नहीं करती है,बल्कि हम चाहते हैं कि सभी धर्म और जाति के लोगों की गणना हो.यह बयान उन्होंने मुस्लिम बहुल सीमांचाल के कटिहार जिले में बुधवार को दिया.
 
पसमांदा मुसलमानों के बारे में क्या बोले गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं जातीय जनगणना के साथ खड़ा हूं, लेकिन इसमें मुसलमानों को भी जाति की श्रेणी में रखना चाहिए, क्योंकि ये लोग भी फायदा लेते है.
 
मुसलमानों में भी पसमांदा की स्थिति सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को जातिगत जनगणना में शामिल नहीं करना चाहिए. उन्हें जातीय जनगणना से हटाना चाहिए.
 
गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में मुसलमानों के नाम पर बांग्लादेशी आकर बस गए है. बिहार सरकार से आग्रह है कि इन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बिहार से निकाला जाए.
जातीय जनगणना पर हो रही हैं बैठक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम जातीय जनगणना  पर सर्वदलीय बैठक बुलाई.इस बैठक में  भाजपा, राजद,जदयू, कांग्रेस, वाम दल, हम और एआइएमआइएम के प्रतिनिधि शामिल हुए.
 
पिछले वर्ष 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार से 10 लोगों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की थी.
 
जनगणना के साथ ही जातिगत जनगणना कराए जाने की बात कही गई थी.सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में राज्य सरकार में खान एवं भू-तत्व मंत्री जनक राम भी शामिल थे.
 
कांग्रेस सहित सभी वाम दलों व एआइएमआइएम का प्रतिनिधित्व था.केंद्र के इनकार के बाद राज्य सरकार ने अपने संसाधन से जातिगत जनगणना कराए जाने का निर्णय लिया.संपूर्ण विपक्ष के साथ अब भाजपा भी इस पर सहमत है.