ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
आज रात 8:00 बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लाइव संबोधन में लोगों से कहा की खून और पानी साथ-साथ नहीं बहा सकते तब सभी भारतीयों ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर जाहिर की.
सोशल मीडिया यूजर रयान ने लिखा कि "पिछली बार आपने कहा था कि जब हमारी सेना जीत रही थी, तो युद्ध विराम घोषित किया गया, जिससे हम पीओके पर कब्ज़ा नहीं कर पाए।
तो, मेरा आपसे सवाल है: आपने युद्ध विराम पर सहमति क्यों जताई?
हमें, भारतीयों के रूप में, भाषणों की ज़रूरत नहीं है; हमें कार्रवाई और युद्ध विराम पर सहमति के लिए जवाब की ज़रूरत है!"
वहीं शीतल चोपड़ा ने प्रधानमंत्री के लाइव भाषण के बाद लिखा कि भारत ने कड़े शब्दों में अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है अब पाकिस्तान को समझ जाना चाहिए कि भारत क्या चाहता है और भारत की शक्ति क्या है.
वहीं नवीन कपूर ने लिखा कि सिंधु जल संधि अब सीमा पार आतंकवाद से जुड़ गई है
पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते
अगर पाकिस्तान को पानी चाहिए तो उसे आतंकवाद का समर्थन करना बंद करना होगा
खून और पानी अब साथ नहीं बहेगा।
Lt Gen (Dr) Subrata Saha ने अपने सोशल मीडिया एक प्लेटफार्म पर लिखा कि "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते": सिंधु जल संधि के भविष्य पर प्रधानमंत्री @narendramodi - इन पवित्र जल की पवित्रता को पाकिस्तान की बर्बर विचारधाराओं और आतंकवादियों को राज्य सत्ता के उपकरण के रूप में इस्तेमाल करके दूषित नहीं किया जा सकता। भारत की सहनशीलता की सीमा पार हो गई है!