स्टेबलकॉइन से नीतिगत संप्रभुता के लिए गंभीर जोखिम, परहेज ही बेहतरः आरबीआई डिप्टी गवर्नर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 30-10-2025
Stablecoins pose serious risks to policy sovereignty, best avoided: RBI Deputy Governor
Stablecoins pose serious risks to policy sovereignty, best avoided: RBI Deputy Governor

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबि शंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘स्टेबलकॉइन’ देश की नीतिगत संप्रभुता के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं, लिहाजा भारत ऐसे संपत्ति-समर्थित डिजिटल उपकरणों को अपनाने से परहेज करेगा।
 
स्टेबलकॉइन एक तरह की डिजिटल मुद्रा होता है जिसकी कीमत किसी स्थिर परिसंपत्ति- जैसे अमेरिकी डॉलर, सोने या सरकारी बॉन्ड से जुड़ी होती है।
 
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने यहां ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “हमारे विचार स्पष्ट हैं कि स्टेबलकॉइन ऐसा कोई उद्देश्य पूरा नहीं करते जिसे केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) बेहतर ढंग से न पूरा कर पाए। इनसे कई नीतिगत जटिलताएं और जोखिम पैदा होते हैं, जिन्हें टालना ही बेहतर होगा।”
 
उन्होंने स्वीकार किया कि क्रिप्टोकरेंसी के उलट स्टेबलकॉइन को डॉलर या सोने जैसी परिसंपत्ति से समर्थन मिला होता है, जिससे उनकी कीमत अपेक्षाकृत स्थिर रहती है।