आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली / मुंबई
बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी उन चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं, जिनका जीवन और करियर दोनों ही विविधता और धर्मनिरपेक्षता की मिसाल हैं. अक्सर देश का एक वर्ग यह जानने को उत्सुक रहता है कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले मुस्लिम कलाकार अपनी धार्मिक परंपराओं का पालन करते हैं या नहीं, क्या वे नमाज़ पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत करते हैं या अपने बच्चों को इस्लाम की शिक्षा देते हैं? इमरान हाशमी इन सभी सवालों का जवाब अपने आचरण और जीवनशैली से देते हैं.
इमरान का परिवार सांप्रदायिक सौहार्द की एक सुंदर तस्वीर पेश करता है. उनके घर में लगभग हर प्रमुख धर्म के अनुयायी हैं. उनकी माँ ईसाई हैं, पत्नी परवीन हिंदू हैं और उनका बेटा पूजा और नमाज़ दोनों करता है. खुद इमरान को कई बार मस्जिद में नमाज़ अदा करते देखा गया है.
इस पर अभिनेता का कहना है,“मैं एक उदार मुस्लिम हूँ . मुझे किसी भी धार्मिक दृष्टिकोण से परेशानी नहीं होती. मेरी परवरिश धर्मनिरपेक्षता के माहौल में हुई है, इसलिए मैं हर इंसान को उसके कर्म और इंसानियत के आधार पर देखता हूँ. यही वजह है कि मेरी आने वाली फिल्म ‘हक़’ को भी मैं इसी खुले दृष्टिकोण से देख रहा हूँ, क्योंकि यह किसी धर्म या समुदाय को निशाना नहीं बनाती.”
इमरान हाशमी इन दिनों अपनी नई फिल्म ‘हक़’ के साथ चर्चा में हैं, जो एक कानूनी ड्रामा है. सुपर्ण वर्मा द्वारा निर्देशित यह फिल्म 7 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी. लेकिन इसके अलावा, वे हाल ही में आर्यन खान की पहली वेब सीरीज़ ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ में अपने एक वायरल कैमियो की वजह से भी सुर्खियों में हैं.
नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुए इस शो के तीसरे एपिसोड में एक खास सीन है, जिसमें अभिनेता राघव जुयाल (परवेज़ के किरदार में) अपने आदर्श इमरान हाशमी से मिलता है. इस दृश्य में जुयाल अचानक ‘मर्डर’ (2004) फिल्म के मशहूर गाने “कहो ना कहो” को हिंदी और अरबी बोलों के साथ गाता है. इमरान इस दृश्य में एक ‘इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर’ की भूमिका निभा रहे हैं, जो उनके पुराने रोमांटिक इमेज की झलक पेश करता है.
इमरान ने बातचीत में कहा,“यह सीन बहुत मज़ेदार था. मुझे अंदाज़ा नहीं था कि यह इतना वायरल हो जाएगा. लगता है लोग मेरी पुरानी ‘लवरबॉय’ छवि को मिस कर रहे थे, और जैसे ही उन्होंने उसकी झलक देखी, उसे हाथोंहाथ ले लिया.”
इमरान ने यह भी स्वीकार किया कि अगर सही मौका मिला तो वे अपनी रोमांटिक इमेज को दोबारा निभाने से पीछे नहीं हटेंगे.“मैं किसी छवि से भाग नहीं रहा और न ही किसी में फँसना चाहता हूँ. लेकिन अगर कोई कहानी ऐसी है जो मेरे पुराने किरदारों की याद दिलाए, तो मैं जरूर करना चाहूँगा. आखिरकार, दर्शकों ने मुझे जैसे प्यार किया है, वही मेरी सबसे बड़ी ताकत है.”
#WATCH | Mumbai | On his upcoming film 'Haq', actor Emraan Hashmi said, "...As a liberal Muslim, I have no problem with the viewpoint of this film because we're not maligning any community... I married Parveen, who is a Hindu. My son offers 'puja' and 'namaz' both. I have a… pic.twitter.com/hVQWXCepbL
— ANI (@ANI) October 29, 2025
इमरान हाशमी का यह संतुलित और संवेदनशील दृष्टिकोण, धार्मिक सहिष्णुता, व्यक्तिगत विनम्रता और कलात्मक ईमानदारी उन्हें आज के बॉलीवुड में एक अलग पहचान देता है. वे न केवल अपने अभिनय से, बल्कि अपने विचारों और जीवनशैली से भी यह साबित करते हैं कि सच्चा कलाकार वह है जो हर धर्म, हर भावना और हर दर्शक का सम्मान करना जानता है.