आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल हाल ही में बरेली का दौरा कर रहा है, जहां हाल के दिनों में मनमानी गिरफ्तारियों, तोड़फोड़ और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सील करने की घटनाओं ने स्थानीय लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जमाअत के उपाध्यक्ष मालिक मोअतसीम खान ने किया, जिसमें राष्ट्रीय सचिव आई. करीमुल्लाह, लईक अहमद, APCR के नेशनल सेक्रेटरी नदीम खान, जमाअत उत्तर प्रदेश-पश्चिम ज़ोन के अध्यक्ष ज़मीरुल हसन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ित परिवारों और उन परिजनों से मुलाकात की, जिनके बच्चे अभी भी हिरासत में हैं. जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि तोड़फोड़ और सीलिंग की कार्रवाई के नोटिस बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के जारी किए गए थे. वैध दस्तावेज और डिजिटल सबूत मौजूद होने के बावजूद, जिनसे साबित होता है कि कई आरोपी घटना वाले दिन वहां मौजूद नहीं थे और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने में उनका कोई हाथ नहीं था, उन्हें मनमाने ढंग से पुलिस उत्पीड़न और राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा.

प्रतिनिधिमंडल ने वकीलों से परामर्श कर कानूनी प्रक्रियाओं की समीक्षा की ताकि प्रभावित लोगों को संवैधानिक तरीके से न्याय सुनिश्चित किया जा सके. जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली.
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने एक बार फिर न्याय, संवैधानिक मूल्यों और शांतिपूर्ण नागरिक भागीदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उपाध्यक्ष मालिक मोअतसीम खान ने मांग की कि राजनीतिक मकसद से दर्ज FIR को तुरंत वापस लिया जाए, बिना ठोस सबूत हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए और पुलिस की ज्यादतियों के लिए निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया अपनाई जाए. उन्होंने अधिकारियों से नागरिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने का आग्रह किया.
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का प्रतिनिधिमंडल वास्तविक स्थिति का जायजा लेने बरेली पहुंचा
— Jamaat-e-Islami Hind (@JIHMarkaz) October 29, 2025
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2025।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल विगत दिनों बरेली में मनमानी गिरफ्तारियों, विध्वंस संबंधी नोटिस और बिज़नेस प्रतिष्ठानों को सील करने की घटनाओं के बाद… pic.twitter.com/NR2Q7zGMRs
APCR के नेशनल सेक्रेटरी नदीम खान ने बताया कि प्रशासन ने 27 घरों के परिवारों को नोटिस दिए हैं और 32 दुकानों को सील कर दिया गया है। APCR इन मामलों को अदालत के माध्यम से देख रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि न्यायालय निर्दोष लोगों को तुरंत राहत और न्याय प्रदान करेगा.
जमाअत ने इस कठिन समय में सभी लोगों से अपील की है कि वे मजबूत और एकजुट रहें, किसी भी मुश्किल का सामना साहस और धैर्य के साथ करें और संवैधानिक और कानूनी तरीकों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखें.
प्रतिनिधिमंडल के दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि समाज के कमजोर और प्रभावित वर्ग के पक्ष में आवाज उठाना और उन्हें न्याय दिलाना जमाअत की सर्वोच्च प्राथमिकता है.