आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रसिद्ध भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक एकनाथ वसंत चिटनिस का बुधवार को उनके आवास पर निधन हो गया। चिटनिस के परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 100 वर्ष पूरे कर चुके डॉ. चिटनिस पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और सुबह के समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. चिटनिस ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति के शुरुआती वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में परिवर्तित हुआ।
डॉ. चिटनिस ने केरल के थुंबा में भारत के पहले रॉकेट प्रक्षेपण के लिए स्थल के चयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वर्ष 1981 से 1985 तक डॉ. चिटनिस ने अहमदाबाद स्थित इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के दूसरे निदेशक के रूप में कार्य किया।
डॉ. चिटनिस भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के अंतिम जीवित सहयोगियों में से एक थे।
उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का मार्गदर्शन करने का श्रेय भी दिया जाता है।
डॉ. चिटनिस के परिवार में उनके पुत्र डॉ. चेतन चिटनिस, पुत्रवधू अमिका और पोतियां तारिणी व चांदिनी हैं।