प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान सरासर झूठ है कि नेहरू कश्मीर का भारत में विलय नहीं चाहते थे: खरगे

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 01-11-2025
PM Modi's statement that Nehru did not want Kashmir to merge with India is a blatant lie: Kharge
PM Modi's statement that Nehru did not want Kashmir to merge with India is a blatant lie: Kharge

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह बयान सरासर झूठ और निंदनीय है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू कश्मीर का भारत में विलय नहीं चाहते थे।
 
खरगे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को सरदार पटेल और पंडित नेहरू का उस समय का पत्राचार पढ़ना चाहिए तथा संविधान सभा में हुई चर्चाओं पर नजर डालनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि नेहरू ने अंतरराष्ट्रीय दबाव को नकारते हुए कश्मीर का भारत में विलय कराया था।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि सरदार पटेल अन्य देशी रियासतों की तरह पूरे कश्मीर का भारत संघ में विलय करना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया।
 
खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "प्रधानमंत्री मोदी जी का यह बयान कि पंडित जवाहरलाल नेहरू कश्मीर का भारत में विलय नहीं चाहते थे सरासर झूठ और निंदनीय है।"
 
उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की प्रक्रिया के दौरान पंडित नेहरू कश्मीर की जनता के नेता शेख़ अब्दुल्ला के संपर्क में थे, वहीं सरदार पटेल जम्मू कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के संपर्क में थे। दोनों नेता शेख़ अब्दुल्ला और हरि सिंह को इस बात के लिए मना रहे थे कि जम्मू कश्मीर राज्य का भारत में विलय जम्मू कश्मीर की प्रजा के हित में है।"
 
खरगे ने कहा कि सरदार पटेल के निजी सचिव वी शंकर ने "सरदार पटेल चुना हुआ पत्र-व्यवहार" नाम से पटेल और अन्य नेताओं के बीच पत्राचार को पुस्तक का रूप दिया है। इस पुस्तक के प्रथम खंड में वी शंकर ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को लेकर पंडित नेहरू और सरदार पटेल समान रूप से रुचि ले रहे थे। इस पुस्तक में ही जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को लेकर कम से कम 50 पत्रों का संकलन है।