आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली/पुणे
शादी की तक़रीब में आने वाले मेहमानों को मिठाई या दूसरी चीज़ें तोहफ़े में देने का हमारे यहां रिवाज़ है.लेकिन केरल में तिरुवनंतपुरम के क़रीब पलोड के एक जोड़े ने एक अनोखी मिसाल क़ायम की है.जाबिरुल हसन और असीना ने अपनी शादी में मेहमानों को एक ऐसा तोहफ़ा दिया है जिसके बारे में आपने सोचा भी नहीं होगा.

इस मुस्लिम जोड़े ने शादी की तक़रीब में आए सभी मेहमानों को हिन्दुस्तानी संविधान की एक कॉपी तोहफ़े में दी है.इतना ही नहीं, इस जोड़े ने एक-दूसरे को भी संविधान की कॉपी तोहफ़े में दी है.
फ़िलहाल केरल की यह निकाह चर्चा में है.इस मौक़े पर मेहमानों को संविधान की कॉपियों के साथ एक परचा भी दिया गया था, जिसमें संविधान की अहमियत बताई गई थी.इसके पीछे मक़सद यह था कि लोग संविधान पढ़ें और उसे अपनी ज़िंदगी में अपनाएं.शादी में संविधान की प्रस्तावना की नुमाइश भी की गई थी.
निकाह के बाद हसन और असीना ने एक-दूसरे को संविधान की कॉपी तोहफ़े में दी और संविधान से जुड़े संदेश भी पढ़े। खास बात है थी कि प्रोग्राम का ख़ात्मा क़ौमी तराने से हुआ.

हसन इससे पहले केरल की कोल्लम ज़िला पंचायत के चलाए 'कॉम्प्रिहेंसिव कॉन्स्टिट्यूशन लिटरेसी प्रोजेक्ट' में काम कर चुके हैं.इसी प्रोजेक्ट से उन्हें लोगों में संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने की प्रेरणा मिली.
हसन 'कॉन्स्टिट्यूशन लिटरेसी काउंसिल' नाम की एक ग़ैर-सरकारी तंज़ीम के ख़ज़ांची भी हैं.2022में, हसन को संविधान साक्षरता प्रोजेक्ट के लिए 'सिनेटर' के तौर पर चुना गया था.उन्होंने कॉलेजों और कई प्रोग्रामों में बातचीत के सेशन किए थे और कोल्लम ज़िले के तालिबे-इल्मों और आम लोगों के लिए क्लासें भी ली थीं.
इस पहल के बारे में बात करते हुए हसन ने कहा, "इस पहल के ज़रिए लोगों में जागरूकता लाना हमारा मक़सद है.हम यह बताना चाहते हैं कि संविधान के तत्त्व हमारी सांसारिक ज़िंदगी का हिस्सा होनी चाहिए.सिर्फ़ मैं ही नहीं मेरी बीवी असीना को भी इसमें दिलचस्पी है.जैसे ही मैंने यह ख़्याल पेश किया उन्होंने इस पहल के लिए हामी भर दी। साथ ही, इसको अमली जामा पहनाने में हमारे घरवालों ने भी हमें बहुत साथ दिया."

इस मौक़ेपर दुल्हन असीनाने भी अपने जज़्बात ज़ाहिर किए.उन्होंने कहा, "मौजूदा दौर में संविधान की हिफ़ाज़त करना हर हिंदुस्तानी का फ़र्ज़ है.इसलिए हमने अपनी ज़िंदगी के इस सबसे अहम दिन पर सभी को संविधान की कॉपी तोहफ़े में देकर अपनी ज़िंदगी शुरू करने का फ़ैसला किया.मै चाहती हूँ की हमारी शादी एक मिसाल बनें."
इस अनोखी शादी में मौजूद मेहमानों ने भी दूल्हा-दुल्हन के इस फ़ैसले का स्वागत किया.उनमें से एकने कहा कि, "एक बेहतर मुल्क़ तभी बनेगा जब संविधान की क़दरें पूरे समाज में फैलेंगी.
इसलिए हम हसन के फ़ैसले की तारीफ़ करते हैं.हसन हमारी तंज़ीम के ख़ज़ांची हैं.उनकी शादी दूसरों के लिए एक मिसाल बने, इसलिए हमारी ख़्वाहिश थी कि वे एक-दूसरे को संविधान की कॉपी तोहफ़े में दें.हमने दरवाज़े पर संविधान की प्रस्तावना लगाई थी और सभी मेहमानों को संविधान की जानकारी देनेवाले परचे बांटे."
शादी के आयोजन में हिस्सा लेनेवाले एक और आयोजक ने कहा कि, "शादी की तक़रीब में संविधान की कॉपी तोहफ़े में देनेवाला हमारा ग्रुप शायद पहला ही होगा.दो साल पहले हमारे ही ग्रुप के एक मेंबर की शादी इसी तरह हुई थी.हमें बहुत ख़ुशी है कि अब हमारा एक और दोस्त इस सोच को आगे बढ़ा रहा है."