Lord Ram's principles teach good governance, social harmony and public welfare: PM Modi
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भगवान राम के आदर्शों और विकसित भारत के दृष्टिकोण के बीच समानता बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम के सिद्धांत सुशासन, सामाजिक सद्भाव और जन कल्याण की सीख देते हैं।
नवा रायपुर अटल नगर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भगवान राम के आदर्श हमें सुशासन का सार सिखाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है। भगवान श्रीराम इस धरती के भांजे हैं। आज इस नए परिसर में श्रीराम के आदर्शों को याद करने का इससे बेहतर दिन और क्या होगा। भगवान राम के आदर्श, हमें सुशासन की सीख देते हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘अयोध्या में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के समय, हम सभी ने देव से देश और ‘राम से राष्ट्र’ का संकल्प लिया था। हमें याद रखना है, राम से राष्ट्र का अर्थ है- ‘‘रामराज बैठे त्रैलोका। हरषित भए गए सब सोका।’’
उन्होंने कहा कि इस चौपाई का अर्थ है, सुशासन और जनकल्याण का राज, जिसका मतलब है कि सबका साथ, सबका विकास की भावना से शासन। उन्होंने कहा, ‘राम से राष्ट्र का अर्थ है, ‘नहिं दरिद्र कोउ, दुखी न दीना। जहां कोई ना गरीब हो, ना कोई दुखी हो, जहां भारत गरीबी से मुक्त होकर आगे बढ़े।
उन्होंने कहा, ‘‘राम से राष्ट्र का अर्थ है- अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। यानी, बीमारियों से असमय मृत्यु ना हो, यानी स्वस्थ और सुखी भारत का निर्माण हो, राम से राष्ट्र का मतलब है- मानउं एक भगति कर नाता। अर्थात हमारा समाज ऊंच नीच के भाव से मुक्त हो, और हर समाज में सामाजिक न्याय की स्थापना हो।''