Nine killed in stampede at Kashibugga temple in Andhra Pradesh; Modi, Naidu express condolences
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में काशीबुग्गा के एक मंदिर में शनिवार को भगदड़ मचने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मृतकों में एक लड़का एवं आठ महिलाएं शामिल हैं।
इससे पहले श्रीकाकुलम जिलाधिकारी ने मृतकों की संख्या 10 बताई थी।
राज्य की गृह मंत्री वांगलापुडी अनिता ने कहा कि यह मंदिर निजी है और धर्मस्व विभाग के अधीन नहीं है। उनके मुताबिक, यहां हर शनिवार को आमतौर पर 1,500 से 2,000 श्रद्धालु आते हैं।
कार्तिक मास के साथ ही एकादशी व्रत होने के कारण यह त्रासदी और भी विकराल हो गई, क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। जान गंवाने वालों में कम से कम सात 35 से 40 साल आयुवर्ग की हैं।
मंत्री के अनुसार, मंदिर पहली मंजिल पर स्थित है और जब श्रद्धालु चढ़ रहे थे तो रेलिंग टूट गई, जिसके परिणामस्वरूप कोने पर खड़े लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े।
श्रीकाकुलम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) केवी महेश्वर रेड्डी ने कहा कि मंदिरों (या धार्मिक संस्थानों) के लिए यह अनिवार्य है कि वे कार्यक्रम आयोजित करते समय पुलिस से अनुमति लें, भले ही श्रद्धालुओं की संख्या कुछ भी क्यों न हो।
रेड्डी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत अनिवार्य है। वे कह सकते हैं कि इतने या उतने लोग आ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल 200 या 2,000 लोग ही हों। अगर 200 लोग भी आते हैं, तो वे हमें सूचित कर सकते हैं और हम स्थिति का आकलन करेंगे, उसके आधार पर बंदोबस्त करेंगे।’’
संयोग से, पुलिस ने आज उत्तरी आंध्र जिले के अन्य मंदिरों को भी सुरक्षा प्रदान की, लेकिन पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस विशेष मंदिर के मालिक, मुकुंद पांडा, उन्हें सूचित करने में विफल रहे।
रेड्डी के अनुसार, पांडा ने बिना आवश्यक अनुमति के मंदिर का निर्माण किया और उसे (आम नागरिक के लिए) खोल दिया।
इस बीच, एसपी ने कहा कि गैर-इरादतन हत्या के आरोपों के तहत मामले दर्ज किये जा रहे हैं।
पहले रेड्डी ने बताया था, ‘‘नौ लोगों की मौत हुई है। एक व्यक्ति की हालत गंभीर है...उसकी मौत नहीं हुई है। बारह साल के एक लड़के की (भी) मौत हुई है। बाकी सभी मृतक महिलाएं हैं। यह एक निजी मंदिर है। यह कोई सरकारी मंदिर नहीं है। इसका निर्माण हाल ही में हुआ है।’’
रेड्डी ने कहा था कि सीढ़ियों के पास लगी लोहे की ग्रिल गिर गयी, जिसके बाद लोग डर गए और उन्हें लगा कि कुछ गिर रहा है।
उन्होंने कहा था, “घबराहट के कारण वे लगभग छह फुट की ऊंचाई से गिर गए। भगदड़ जैसी कोई घटना नहीं हुई। चूंकि यह (ग्रिल) छह फुट की ऊंचाई से गिरा था, इसलिए एक व्यक्ति दूसरे पर गिर गया और इसी वजह से यह हादसा हुआ।”