हुबली (कर्नाटक). आगामी लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन से पहले एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, लिंगायत संत फकीर दिंगलीश्वर स्वामी ने बुधवार को मुस्लिम सूफी नेता पीर सैयद अहमद रजा सिरकाजी और अन्य मुस्लिम धार्मिक लोगों से मुलाकात की. इस बैठक में स्वामी ने पूरे मुस्लिम समुदाय से समर्थन मांगा.
इस बैठक के बाद, उन्होंने धारवाड़ में विभिन्न समुदायों में व्यापक अन्याय और स्वतंत्रता की कमी का हवाला देते हुए ‘धर्मयुद्ध’ में शामिल होने के अपने इरादे की घोषणा की. दिंगलीश्वर स्वामी ने कहा, ‘‘मैंने इस्लामी आस्था के सभी सूफी संतों से मुलाकात की. हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और मैं खुश हूं. मुझे लगता है कि जीत हमारी मुट्ठी में है.’’
स्वामी ने कहा कि वह चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर कायम हैं और उन्होंने 18 अप्रैल को अपने नामांकन की तारीख की पुष्टि की. उन्होंने धार्मिक नेताओं को एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया.
स्वामी ने उम्मीदवारों के शक्ति प्रदर्शन के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि वर्तमान चुनाव गर्व और स्वाभिमान का चुनाव है. उन्होंने राजनीतिक दलों के भीतर व्यक्तिगत हमलों पर ध्यान केंद्रित करने की आलोचना की और धार्मिक सिद्धांतों की ताकत दिखाने की दिशा में बदलाव का आग्रह किया.
मुस्लिम धर्मगुरु पीर सैयद अहमद रजा सिरकाजी ने कहा कि स्वामी जी से मिलकर उन्हें बहुत अच्छा लगा. उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होगा, अगर कांग्रेस पार्टी धारवाड़ सीट से उम्मीदवार के रूप में स्वामी जी का नाम घोषित कर दे. साथ ही किसी भी उम्मीदवार को समर्थन देना एक बड़ा फैसला है और अगले 4-5 दिनों में सभी के साथ बैठकर इस पर फैसला लिया जाएगा.’’
ऐसा कहा जाता है कि शिराहट्टी और बालेहोसुर भावैक्यथा संस्थान मठ के मठाधीश दंगलेश्वर स्वामी का इस क्षेत्र में काफी प्रभाव है.
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