यूपीएससी 2023 रिजल्ट: छह साल बाद मुस्लिम उम्मीदवारों का जलवा, जामिया और एएमयू के छात्रों का बेहतर प्रदर्शन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 17-04-2024
UPSC 2023 Result: After six years, Muslim candidates shine, Jamia and AMU students perform better
UPSC 2023 Result: After six years, Muslim candidates shine, Jamia and AMU students perform better

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

यूपीएससी की सिविल सेवा में छह साल बाद मुस्लिम उम्मीदवारों का बेहर प्रदर्शन सामने आया है. यही नहीं यूपीएससी 2023 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कामयाबी के झंडे गाड़े हैं. इस बार 45 प्रत्याशियांे ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में कामयाबी पाई है, जिनमें से अधिकांश इन्ही दोनों विवि के हैं. जामिया की एक छात्रा टाॅप टेन में जगह बनाने में भी सफल रही.

यूपीएससी के 2017 के रिजल्ट मंे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 50 मुस्लिम उम्मीदवार कामयाब रहे थे. इससे एक साल पहले 55 मुस्लिम छात्रों को कामयाबी मिली थी, जबकि 2023 में पहली बार 45 मुस्लिम छात्र कामयाब हुए हैं. हालांकि एक साल 44 मुस्लिम छात्रों को कामयाबी मिल चुकी है.
 
जामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) की नौशीन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 9वीं रैंक हासिल की है. इस बार आरसीए के कुल 31 छात्र चयनित हुए हैं.
 
आठ उम्मीदवारों की बढ़ौतरी

जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) की आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) में कोचिंग और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इकतीस (31) उम्मीदवारों का चयन यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2023 में किया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 8 की बढ़ोतरी हुई है.
 
आरसीए के कुल 71 छात्र यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के साक्षात्कार में शामिल हुए थे, जिनमें से 31 उम्मीदवारों का अंतिम रूप से चयन किया गया. चयनित 31 उम्मीदवारों में से कुछ को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस ) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) मिलने की उम्मीद है. बाकी उम्मीदवारों को उनकी रैंकिंग और पसंद के अनुसार आईआरएस, ऑडिट एवं  अकाउंट सर्विस, आईआरटीएस तथा  ग्रुप-ए की अन्य संबद्ध सेवाएं मिलने की उम्मीद है.
 
जामिया की कामयाब छात्रों में 11 लड़कियां

अखिल भारतीय स्तर पर  9वीं रैंक हासिल करने वाली नौशीन आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) की इस साल की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली छात्रा हैं. चयनित 31 उम्मीदवारों में से 11 लड़कियां हैं.अपनी इस बड़ी उपलब्धि से उत्साहित  इन सबों  ने अपनी सफलता का सारा श्रेय आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए), जेएमआई को दिया है. उन्हें यहां बहुत अच्छा माहौल और समर्थन मिला जिसके कारण यह उपलब्धि हासिल हुई.
 
जामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर इकबाल हुसैन ने अकादमी के सफल उम्मीदवारों और अन्य छात्रों से बातचीत की. उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी. इस दौरान जेएमआई के कार्यवाहक कुलसचिव  हदीस लारी और विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे.
 
जामिया कुलपति ने परिणाम पर जताया संतोष

इस अवसर पर प्रो. हुसैन ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए छात्रों को प्रशिक्षण देने में आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए), जेएमआई का साल दर साल लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन हमारे  विश्वविद्यालय के लिए बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है. विश्वविद्यालय प्रशासन आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) को सभी प्रकार की सहायता प्रदान कर रहा है और इस प्रकार के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन द्वारा आगे भी सहायता प्रदान की जाएगी.  प्रो. हुसैन ने उम्मीद जताई  कि आने वाले वर्षों में नतीजे और बेहतर होंगे.
 
प्रो. हुसैन  ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इन सब की निगरानी कर रहे हैं. उत्कृष्टता की दिशा में कार्य करने के लिए आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए)  को सभी प्रकार की सहायता प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने अकादमी के प्रदर्शन में सुधार को किए गए प्रयासों के लिए आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए)  के पदाधिकारियों की प्रशंसा की.
 
बता दें कि गत वर्ष यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाली श्रुति शर्मा आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) , जामिया मिल्लिया इस्लामिया  की स्टार परफॉर्मर थीं.
 
जामिया अब तक 300 सिविल सर्वेंट दे चुकी है

2010-11 से 2024 तक आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) ने लगभग 300 से अधिक सिविल सेवकों को तैयार किया है. इनमें कई आईएएस, आईएफएस और आईपीएस शामिल हैं. इसके अतिरिक्त आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) के 300 से अधिक छात्र विभिन्न अन्य केंद्रीय और राज्य सेवाओं अर्थात सीएपीएफ, आईबी, आरबीआई (ग्रेडबी), एपीएफ, बैंक पीओ और पीसीएस आदि में चयनित हुए हैं.
 
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) की स्थापना वर्ष 2010 में यूजीसी द्वारा सेंटर फॉर कोचिंग एंड करियर प्लानिंग (सीसी एंड सीपी), जेएमआई के तत्वावधान में एससी, एसटी, महिलाओं और अल्पसंख्यक छात्रों को सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए की गई थी.
 
व्यापक कोचिंग के लिए छात्रों का चयन अखिल भारतीय लिखित परीक्षा और उसके उपरांत व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है.आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) सही ढंग से संरचित बहुआयामी कोचिंग और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम मुहैया करता है.
 
इसमें परीक्षाओं के विभिन्न चरणों में मार्गदर्शन शामिल है. अर्थात प्रारंभिक परीक्षा , मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के साथ 500 घंटे से अधिक की कक्षाएं, प्रख्यात विद्वानों और वरिष्ठ सिविल सेवकों के विशेष व्याख्यान, समूह चर्चा, टेस्ट श्रृंखला और मॉक-साक्षात्कार.
 
इसके अतिरिक्त आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) में  24 घंटे वातानुकूलित पुस्तकालय और निःशुल्क वाई-फाई की सुविधा प्रदान की जाती है. आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) में सुरक्षित और सुविधाजनक छात्रावास सुविधाएं उपलब्ध है.
 
यूपीएससी 2023 में एएमयू ने भी गाड़े झंडे

इधर, एएमयू आरसीए के छात्रों ने भी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में बेहतर कर सभी को चौंका दिया. आवासीय कोचिंग अकादमी, (आरसीए), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों जुफिशन हक (एआईआर 34), नाजिया परवीन (एआईआर 670) और अब्दुल्ला जाहिद (एआईआर 744) ने सिविल सेवा में सफलता हासिल की है. परीक्षा 2023, जिसके परिणाम मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा घोषित किए गए.
 
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने सफल छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और समर्पण के लिए बधाई दी. मोहम्मद इमरान आईपीएस, रजिस्ट्रार, एएमयू, और प्रोफेसर सगीर अहमद अंसारी, निदेशक, आरसीए ने भी उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई दी.
 
मुस्लिम उम्मीदवारों ने 2017 के बाद पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बढ़िया परिणाम दिया है.यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2023 में कुल 45़ मुस्लिम छात्र कामयाब हुए हैं, जबकि 2017 में 50 और 2016 में 52 मुस्लिम उम्मीदवारांे ने कामयाबी हासिल की थी.
 
2017 के बाद जब भी सिविल सेवा के परिणाम सामने आए, मुस्लिम उम्मीदवारों की कम कामयाबी को लेकर तरह-तरह के सवाल किए जाते रहे. दो एक साल तो मुस्लिम उम्मीदवारों का यूपीएससी परीक्षा में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक था. इस बार के रिजल्ट ने तमाम तरह की आशंका को ध्वस्त कर दिया और साबित किया कि अतिरिक्त मेहनत अवश्य ही बेहतर परिणाम लेकर सामने आते हैं.
 
लंबे इंतजार के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने वर्ष 2023 के लिए सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिए. यह भारत की कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. हजारों उम्मीदवारों ने सेवा का मौका पाने के लिए प्रतिस्पर्धा की.
 
सितंबर 2023 में आयोजित लिखित परीक्षा और उसके बाद जनवरी से अप्रैल 2024 तक आयोजित व्यक्तित्व परीक्षण के साक्षात्कार के आधार पर परिणाम, उम्मीदवारों के लिए खुशी और प्रत्याशा का मिश्रण लेकर आए हैं. इसमें 45 मुस्लिम उम्मीदवारों की कामयाबी को इस बार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
 
कामयाब मुस्लिम उम्मीदवार के नाम और रोल नंबर

1)9 6016094 नौशीन
2) 34 1530610 जुफिशन हक
3) 88 1801459 मनन भट्ट
4) 111 0318631 आरफा उस्मानी
5) 157 6420516 सैयद अदील मोहसिन
6) 165 0621263 खान साइमा सेराज अहमद
7) 188 1540915 सईम रजा
8) 191 6630850 जमादार फरहान इरफान
9) 241 0816673 फरहीन जाहिद
10) 253 0848129 अरीबा सगीर
11) 278 1029483 एहतेदा मुफस्सिर
12) 311 6419483 नाजिश उमर अंसारी
13) 312 1005495 सैयद मुस्तफा हाशमी
14) 317 1910931 फातिमा शिम्ना परावथ
15) 323 1203292 शाहिदा बेगम एस
16) 332 0853207 हामिद नावेद
17) 339 0820224 अरीबा नोमान
18) 345 1803680 मोहम्मद हारिस मीर
19) 369 1803331 मोहम्मद फरहान सेह
20) 374 1523979 एमडी ताबिश हसन
21) 388 3402130 गुलाम माया दीन
22) 418 0812484 अलीफा खान
23) 424 5809750 बैरिया मंसूर
24) 469 1204184 जोहरा बानो
25) 481 1003785 एमडी आसिम मुज्तेबा
26) 507 1905195 अब्दुल फसल पी वी
27) 512 0844804 मोहम्मद आफताब आलम
28) 574 5919231 अफजल अली
29) 659 4001451 मोहम्मद रिसविन
30) 670 2109336 नाजिया परवीन
31) 677 6408946 सैयद तालिब अहमद
32) 730 6416818 शोआब
33) 744 1408280 अब्दुल्ला जाहिद
34) 758 0414331 सोफिया सिद्दीकी
35) 762 5913275 एमडी शहंशाह सिद्दीकी
36) 770 1036484 मोहम्मद अशफाक
37) 819 4123999 आतिफ वकार एकराम अंसारी
38) 822 6419608 एमडी बुरहान जमान
39) 825 0118021 घांची गजाला मोहम्मदधनीफ
40) 826 6415138 सैयद सादिक
41) 839 1906451 नजमा ए सलाम
42) 840 5701106 रशीदाली ए
43) 845 4001377 जे आशिक हुसैन
44) 1012 0627507 एमडी वारशीद खान
45) 1013 0869875 अजमल हुसैन
 
मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रतिशत 4.42

इस बार योग्य उम्मीदवारों की कुल संख्या 1016 है, जिसमें सफल उम्मीदवारों में से लगभग 4.42 प्रतिशत मुस्लिम हैं.ध्यान रहे कि हालांकि ये नाम सफल मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे कुछ उदाहरण भी हो सकते हैं जहां नाम और उपनाम भिन्नताओं की जटिलता के कारण नाम अनजाने में छूट गए हैं या भ्रमित हो गए हैं.
 
यह उपलब्धि न केवल इन व्यक्तियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है बल्कि देश की प्रशासनिक सेवाओं के भीतर समावेशिता और विविधता को भी रेखांकित करती है.परिणामों के संबंध में आगे की पूछताछ या स्पष्टीकरण के लिए, उम्मीदवारों को यूपीएससी अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है.
 
कितने मुसलमान यूपीएससी सीएसई करते हैं पास करते हैं

2022 में, कुल सफल उम्मीदवारों में मुस्लिम उम्मीदवार केवल 3.1 प्रतिशत थे.संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने वर्ष 2022 में 933 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया था, जिनमंे केवल 29 मुस्लिम समुदाय से थे.
 
पिछले एक दशक परिणाम के विश्लेषण से पता चला कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन कम होता रहा है. पिछले वर्षों के परिणामों की जांच करने पर स्पष्ट है कि सफल उम्मीदवारों में मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रतिशत लगातार कम रहा है.
 
यूपीएससी सीएसई 2022 परिणामों में मुसलमानों का प्रतिशत

2022 में, मुस्लिम उम्मीदवार कुल सफल उम्मीदवारों का केवल 3.1 प्रतिशत थे, जो 2021 में 3.64 प्रतिशत से कम है. पिछले वर्षों में भी, प्रतिशत 2 से 6 प्रतिशत के बीच रहा, जो कि भारत में मुस्लिम जनसंख्या प्रतिशत से काफी कम है.2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी 17.22 प्रतिशत है.
 
चयन सूची में मुस्लिम अभ्यर्थियों का प्रतिशत

2016 52 1099 4.73
2017 50 980 5.10
2018 28 759 3.68
2019 44 829 5.30
2020 31 761 4.07
2021 25 685 3.64
2022 29 933 3.10
 
तीन चरणों में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा

 प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार. परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और अन्य सम्मानित सरकारी भूमिकाओं में प्रतिष्ठित पदों के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है.
 
प्रतिस्पर्धा कठिन होती है, जिसमें लाखों उम्मीदवार सीमित संख्या में रिक्तियों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं.प्रारंभिक परीक्षा इच्छुक सिविल सेवकों के लिए पहली बाधा है.हालांकि, यह एक योग्यता परीक्षा है. प्रत्येक वर्ष उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के बड़े समूह में से केवल कुछ हजार छात्र ही इसे उत्तीर्ण कर पाते हैं.
 
यूपीएससी सीएसई में मुस्लिम उम्मीदवारों का कम प्रतिनिधित्व चिंता का विषय है जिस पर न केवल सरकार बल्कि नागरिक समाज संगठनों को भी ध्यान देने की जरूरत है.