शगुफ्ता नेमत
विश्वास न हो, तो संध्या समय दर्शन कर आएं. नहीं तो, यह प्रश्न मन में अवश्य उठेगा कि यह बीस फुटा है या चालीस फुटा. चालीस फुटा रोड दिल्ली के शाहीन बाग क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण सड़क है. शाहीन बाग दक्षिण दिल्ली में आता है और अपने घनी आबादी और विविध सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है.
यह रोड शाहीन बाग को आसपास के अन्य क्षेत्रों जैसे कि जामिया नगर, ओखला, नई दिल्ली आदि से जोड़ता है. चालीस फुटा रोड का नाम इसकी चौड़ाई पर आधारित है, जो कि चालीस फुट चौड़ी है.यह सड़क क्षेत्र के लोगों के लिए न केवल यातायात के साधन के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय बाजारों, दुकानों और व्यावसायिक स्थलों के लिए भी एक केंद्र बिंदु की तरह काम करता है.
पुरानी दिल्ली की निहारी से लेकर नई दिल्ली का जायका, सब कुछ समाया हुआ है इस चालीस फुट के सड़क में. कहीं जहरा बिरयानी की थाल लिए खड़ी हैं, तो कहीं ‘पुलाव वाले’ बिहारी पुलाव और कबाब का लालच दे रहे हैं. जेब भारी हो तभी जाइएगा जनबा, वरना लार टपकाते हुए घर लौटना पड़ेगा.
बिरयानी का तो यह आलम है कि पूछो नहीं, कहीं ‘आलम बिरयानी हाऊस’ है तो कहीं ‘अब्दुल क़य्यूम बिरयानी पैलेस’ है. गर्ज यह कि एक जगह खा लें, बाकी के पैक करवा लें. ताकि अफसोस न रहे कि वहां की बिरयानी चखी ही नहीं. फिर जायका का नाम ही जायका है. इसके जायके से भला कौन इंकार कर सकता है.
खाने-पीने के शौकीन लोगों का चालीस फुटा ने बड़ा ख्याल रखा है. न तो निहारी खाने के लिए ओखला वासियों को पुरानी दिल्ली जाने की जरूरत है, न रॉल के लिए कोलकाता के टिकट की जरूरत, मात्र बीस रुपये इलेक्ट्रिक रिक्शा में खर्च करें और क़ुरैशी के कबाब से लेकर बल्लीमारान की निहारी तक, जो चाहें मजा लूटिये. थोड़ी दूर से आ रहे हैं, तब भी घाटे का सौदा नहीं है. चालीस फुट की थाली में सब कुछ आपको सजी-सजाई मिल जाएंगी.
सेहत का ख्याल रखने वालों के लिए मेवे-मखाने भी है, जिन्दगी का मजा लूटने वालों के लिए मनोरंजन के कारखाने (फन सिटी) भी है. यूं ही नहीं सब चालीस फूटा के दिवाने हैं.
बच्चे तो फिर बच्चे हैं, केक के बिना उनकी कहां शाम होती है. उनकी तो दुनिया ही केक पर तमाम होती है. फिर देर किस बात की ब्राउन बेकरी जाएं, केक खाएं और पैक करवाएं.
इतना ही नहीं, चालीस फुटा रोड विविध सांस्कृतिक पहचानों और समुदायों का घर भी रहा है. यहां पर अनेक धार्मिक स्थल, छोटे-बड़े मार्केट और शिक्षण संस्थान हैं, जो इस क्षेत्र की विविधता को दर्शाते हैं.
वर्ष 2019 के अंत में, चालीस फूटा रोड और शाहीन बाग क्षेत्र नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया. यहां की महिलाओं ने इस कानून के खिलाफ लंबे समय तक धरना दिया, जिसने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा बटोरी. यह विरोध लोकतांत्रिक अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए एक प्रतीक बन गया.
इस रोड के आस-पास का इलाका व्यस्त और जीवंत होता है, जिसमें स्थानीय निवासियों और दुकानदारों का एक मेल होता है. इस तरह से चालीस फूटा रोड न केवल शाहीन बाग की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में योगदान देता है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के जीवन में भी एक अहम भूमिका निभाता है.कभी अवसर मिले, तो आप भी अवश्य आएं और इस चालीस फूटा रोड का आनंद उठाएं.
चालीस फुटा रोड की खासियतें: