Kedarnath Yatra stopped, devotees stranded in Sonprayag and Gaurikund due to heavy rain alert
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के बीच केदारनाथ यात्रा को एहतियातन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा को फिलहाल सोनप्रयाग और गौरीकुंड में ही रोक दिया है.
इस फैसले के चलते बड़ी संख्या में तीर्थयात्री सोनप्रयाग और गौरीकुंड में फंसे हुए हैं. प्रशासन द्वारा राहत और ठहराव की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन लगातार बारिश और लैंडस्लाइड की संभावना ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है.
मौसम विभाग का अलर्ट और प्रशासन की कार्रवाई
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक उत्तराखंड के कई इलाकों, विशेषकर रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और चट्टानों के गिरने की घटनाओं को देखते हुए यात्रियों को आगे न बढ़ने की सलाह दी है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई जगहों पर मलबा और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे रास्ता असुरक्षित हो गया है.
श्रद्धालु परेशान, ठहरने की सीमित व्यवस्था
सोनप्रयाग और गौरीकुंड में हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं। भारी भीड़ के कारण धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और टेंट हाउस फुल हो चुके हैं। कुछ यात्रियों को खुले में रुकना पड़ रहा है.
हालांकि प्रशासन ने स्थानीय स्कूलों, सामुदायिक भवनों और यात्री प्रतीक्षालयों को खोल कर लोगों को अस्थायी रूप से ठहरने की सुविधा देने की कोशिश की है। साथ ही खाने-पीने की आपात व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है.
यात्रा मार्ग पर बंद हुए यातायात
केदारनाथ यात्रा मार्ग के साथ-साथ ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर भी यातायात आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है. कई जगहों पर भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और BRO और PWD की टीमें जेसीबी मशीनों के जरिए रास्ता खोलने में जुटी हैं.
प्रशासन की अपील
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने यात्रियों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें. उन्होंने बताया कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा और मार्ग सुरक्षित घोषित किया जाएगा, यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा.
इसके साथ ही यात्रियों से ऑनलाइन पोर्टल और लोकल हेल्पलाइन नंबरों के ज़रिए अपडेट लेते रहने की सलाह दी गई है. प्राकृतिक आपदा के चलते बार-बार बाधित हो रही चारधाम यात्रा इस बार भी मानसून की मार झेल रही है. प्रशासन का प्रयास श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का है, लेकिन लगातार बारिश और अवरुद्ध मार्गों ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं. सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता फिलहाल यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने और आपात सेवाओं को बनाए रखने की है.