कांग्रेस में कन्हैया और जिग्नेश, 28 सितंबर को होगा ऐलान

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] • 2 Years ago
कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी
कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी

 

आवाज- द वॉयस/ एजेंसी

अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले पंजाब और गुजरात में सियासी घमासान तेज हो गया है. दोनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के बदलने के बाद अन्य नेताओं ने भी बदलाव करना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि भाकपा और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. गुजरात के निर्दलीय विधायक जगनेश मेवानी भी कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने दावा किया है कि दोनों नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा 28 सितंबर को हो सकती है.

इस महीने की शुरुआत में राजनीतिक गलियारों में यह दावा किया गया था कि कन्हैया कुमार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. यह भी कहा गया है कि कन्हैया कुमार राहुल गांधी से एक नहीं, बल्कि दो बार मिल चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों बैठकों में प्रशांत किशोर भी मौजूद थे. कन्हैया कुमार लगातार राहुल गांधी के साथ किसी भी मुलाकात से इनकार करते रहे हैं.

बिहार में बदलाव की तैयारी में कांग्रेस?

2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार को करारी हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर मैदान में प्रवेश किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने उन्हें बड़े अंतर से हराया था. राजनीतिक पंडितों का मानना ​​है कि अगर वे कांग्रेस का समर्थन करते हैं तो यह उनकी राजनीतिक पारी की नई शुरुआत होगी. कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस बिहार में अपनी कमजोर जमीन को कन्हैया कुमार के सहारे मजबूत करना चाहती है.

 

क्या जिग्नेश मेवानी के आने से कांग्रेस को होगा फायदा?

दूसरी ओर, जिग्नेश मेवानी, दलित, गुजरात से निर्दलीय विधायक हैं. बताया जाता है कि गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से जिग्नेश मेवानी को लेकर बात की है. हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद जिग्नेश मेवानी ने कठोर टिप्पणी की थी. साथ ही उन्होंने कहा कि इस्तीफे का मकसद निश्चित रूप से 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक माहौल बनाना है. गौरतलब है कि इस बार कांग्रेस पूरी ताकत के साथ गुजरात में प्रवेश करने की तैयारी कर रही है. पिछली बार उन्हें भाजपा से मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.