जम्मू-कश्मीर: राजनीतिक दलों ने भारत-पाक के बीच ‘संर्घष विराम’ के फैसले का स्वागत किया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 10-05-2025
Jammu and Kashmir: Political parties welcome the decision of 'ceasefire' between India and Pakistan
Jammu and Kashmir: Political parties welcome the decision of 'ceasefire' between India and Pakistan

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के फैसले का स्वागत किया और क्षेत्र में स्थायी शांति की आशा व्यक्त की.
 
इससे पहले, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने यहां प्रेस वार्ता में बताया कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर भारतीय डीजीएमओ से फोन पर बात की. उन्होंने कहा, “उनके बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष शनिवार को शाम पांच बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे.”
 
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि देर आए दुरुस्त आए. उमर अब्दुल्ला ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम बहाली के बारे में भारत सरकार के प्रवक्ता द्वारा की गई घोषणा का तहे दिल से स्वागत करता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘देर आए दुरुस्त आए, लेकिन यदि यह संघर्ष विराम दो या तीन दिन पहले हो जाता, तो शायद जो रक्तपात हमने देखा और जो बहुमूल्य जानें हमने गंवाईं, वे सुरक्षित होतीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब यह जम्मू-कश्मीर सरकार का कर्तव्य है कि इस दौरान जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें वह राहत और मुआवजा प्रदान करे. हमने बहुमूल्य जानों के नुकसान के लिए मुआवजे की घोषणा की है। अब हमें उन लोगों को भी मुआवजा देना होगा, जो घायल हुए हैं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू, पुंछ, राजौरी, तंगधार और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा पार से गोलाबारी और हमलों के कारण काफी तबाही हुई है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें यह भी उम्मीद है कि हम हज उड़ानें फिर से शुरू कर सकेंगे, क्योंकि हवाई अड्डा बंद होने के कारण हम हज यात्रियों को नहीं भेज पा रहे थे.’’ इस बीच, उमर अब्दुल्ला के पिता एवं सत्तारूढ़ दल नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के संबंध में नयी दिल्ली की चिंताओं का समाधान करना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यहां एक बयान में शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की जरूरत पर बल दिया, क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले हमारे लोगों को दोनों पड़ोसी देशों के बीच बिगड़ते हालात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इस कदम से हमारे लोगों की पीड़ा काफी हद तक कम होगी, जो गोलीबारी में फंस गए हैं.’’ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी दोस्ती की वकालत की है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी पाकिस्तान की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के बारे में भारत की वास्तविक चिंताओं को दूर करना चाहिए.’’
 
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने संघर्ष विराम का स्वागत किया और कहा कि दोनों देशों को अपने मुद्दों को सुलझाना चाहिए तथा स्थायी शांति बहाल करने के तरीके खोजने चाहिए. मुफ्ती ने पार्टी द्वारा जारी एक वीडियो में कहा, “यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो पिछले कुछ दिनों से सीमा पार से हो रही गोलाबारी के कारण पीड़ित हैं. मुझे यकीन है कि इस खबर से सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत मिली होगी.”
 
उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी को भी स्वीकार्य नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुफ्ती ने कहा, “आतंकवादियों के हाथ में नहीं होना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान के बीच कब युद्ध या शांति होनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “सैन्य कार्रवाई कोई समाधान नहीं है। अंतत: राजनीतिक हस्तक्षेप होना चाहिए.”
मुफ्ती ने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में बड़े भाई की भूमिका निभानी चाहिए.