नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की ओर से अब तक की सबसे बड़ी आधिकारिक जानकारी सामने आई है। भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को एक विशेष प्रेस वार्ता में बताया कि भारत के जवाबी सैन्य हमलों में पाकिस्तानी सेना के करीब 35-40 जवान मारे गए हैं।
यह खुलासा उस समय हुआ जब सरकार ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले के प्रतिशोध में किया गया था। उस आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना पूरी सावधानी और सैन्य गहनता के साथ बनाई गई थी।
उन्होंने कहा:"सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद नौ आतंकी ठिकानों की पहचान की गई और उन पर सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। हमारा उद्देश्य केवल आतंकवादियों और उनके बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था, न कि नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठानों को।"
उनके अनुसार, भारतीय हमलों की प्रकृति ऐसी थी कि युद्ध को और न भड़काते हुए, पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाए। भारत ने यह सुनिश्चित किया कि हमले आतंकियों और उनके ट्रेनिंग एवं लॉजिस्टिक नेटवर्क तक सीमित रहें।
DGMO ने बताया कि 7 मई की शाम को, भारतीय क्षेत्रों पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोनों और मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) का हमला हुआ। इनका लक्ष्य भारतीय नागरिक क्षेत्रों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करना था।
"तीन पाकिस्तानी ड्रोन ज़मीन पर उतरे जरूर, लेकिन उन्हें नियंत्रित कर लिया गया और नुकसान न्यूनतम रहा।"
8-9 मई की रात को, पाकिस्तान ने भारतीय वायुसीमा में ड्रोन और विमान भेजकर बड़े हमले करने की कोशिश की, लेकिन ये प्रयास पूरी तरह असफल रहे। नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी संघर्ष तेज़ हुआ और कई स्थानों पर भयंकर मुठभेड़ें हुईं।
भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती ने भी ब्रीफिंग में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि भारत ने पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए।
उन्होंने कहा:"हमने जिन ठिकानों को निशाना बनाया उनमें चकलाला (इस्लामाबाद), रफीकी, रहीम यार खान, सरगोधा, भुलरी और जैकोबाबाद शामिल हैं। ये हमले आक्रामकता के प्रति भारत की 'शून्य सहिष्णुता' को दर्शाते हैं।"
जब हताहतों की संख्या पर सवाल पूछा गया, तो एयर मार्शल भारती ने साफ कहा:
"हमारा उद्देश्य शव गिनना नहीं है, बल्कि ठोस लक्ष्य पर सटीक प्रहार करना है। पाकिस्तान को अपने नुकसान का मूल्यांकन खुद करना चाहिए।"
ऑपरेशन सिंदूर अब भारत के सैन्य इतिहास में एक संतुलित लेकिन सख्त प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने दिखा दिया कि वे सिर्फ जवाब देने में सक्षम ही नहीं हैं, बल्कि रणनीतिक संयम और सटीकता से दुश्मन के इरादों को नाकाम करने में भी निपुण हैं।
इस अभियान ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अब आतंकवाद को सीमा पार से प्रायोजित सहन नहीं करेगा और हर मोर्चे पर, चाहे वह कूटनीतिक हो, सैन्य हो या तकनीकी — भारत अपनी सार्वभौमिकता और सुरक्षा की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।