नई दिल्ली
जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में 9 और 10 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हुए बीएसएफ कांस्टेबल दीपक चिंगाखम का निधन हो गया है.
बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) और सभी जवानों ने दीपक को श्रद्धांजलि दी.बीएसएफ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा,"डीजी बीएसएफ और सभी रैंक दीपक चिंगाखम द्वारा कर्तव्य की वेदी पर दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. वह 10 मई को आरएस पुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी में घायल हुए थे और 11 मई को शहीद हो गए."
पोस्ट में आगे लिखा गया,"प्रहरी परिवार इस कठिन घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है."
इससे पहले, इसी इलाके में बीएसएफ सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज भी सीमा पार से की गई फायरिंग में शहीद हो गए थे. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की.
इस बीच, सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने जानकारी दी कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान के कम से कम 35 सैनिक मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या और भी अधिक हो सकती है, क्योंकि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हवाई घुसपैठ के जवाब में भारी हथियारों का प्रयोग किया.
घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया:"हमने LoC पर पाकिस्तान की हर हरकत का सटीक और ताकतवर जवाब दिया. हमारे लक्ष्य आतंकवादी ढांचे थे. लेकिन जब पाक सेना ने हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना शुरू किया, तो हमने भी जवाब में भारी हथियारों का उपयोग किया."
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाने की नीति अपनाई और केवल आतंकवादियों को लक्ष्य बनायाडीजीएमओ ने आगे बताया कि कुछ आतंकी शिविर पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में थे, जबकि अन्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे.
घई ने कहा,"कुछ हवाई क्षेत्रों और डंपों पर पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा लगातार हमले किए गए, लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने उन्हें विफल कर दिया."