ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय वायु सेना प्रमुख का बड़ा खुलासा, ट्रंप की होगी फजीहत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-11-2025
Indian Air Force chief makes a major revelation regarding Operation Sindoor, which will embarrass Trump.
Indian Air Force chief makes a major revelation regarding Operation Sindoor, which will embarrass Trump.

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर भारत-पाकिस्तान के बीच हुए ऑपरेशन “सिंदूर” के दौरान भारत द्वारा घोषित युद्धविराम को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं। उनके बार-बार ऐसे बयान देने से न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी भारत विरोधी ताकतों को उंगली उठाने का मौका मिलता है। लेकिन अब भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने ऐसा बयान दिया है, जिसने न केवल ट्रंप की बोलती बंद करने की संभावना बढ़ा दी है, बल्कि भारतीय सेना की कार्यशैली और रणनीतिक क्षमता का भी खुलासा किया है।

एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने यह स्पष्ट किया कि युद्ध शुरू करना ही नहीं, बल्कि उसे समय पर और रणनीतिक रूप से समाप्त करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दुनिया को पाकिस्तान में भारत के ऑपरेशन “सिंदूर” से बहुत कुछ सीखना चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी राजधानी दिल्ली में आयोजित इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2025 के मंच से की।

अमरप्रीत सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने युद्ध की शुरुआत के साथ ही पहले दिन ही पाकिस्तान के सामने युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, पाकिस्तान ने इसे स्वीकार नहीं किया, लेकिन बाद में स्वयं युद्ध रोकने के पक्ष में था। उन्होंने कहा, “हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह था कि संघर्ष का उद्देश्य स्पष्ट हो और उसे हासिल किया जाए। अगर समय रहते युद्ध को नहीं रोका गया होता, तो कोई नहीं कह सकता था कि यह कितना बड़ा और लंबा संघर्ष बन जाता।”

उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया में कई युद्ध केवल अहंकार की लड़ाई बन गए हैं। शुरुआती लक्ष्य खो जाते हैं और संघर्ष उद्देश्यहीन प्रतिस्पर्धा में बदल जाता है। “ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि अगर रणनीति स्पष्ट हो और समय पर निर्णय लिया जाए, तो युद्ध को केवल 85 घंटों में समाप्त किया जा सकता है। यही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”

इस साल 7 मई को भारतीय थलसेना और वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में नौ ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमले किए। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक संघर्ष जारी रहा। अंततः 10 मई को दोनों पक्षों ने युद्धविराम की घोषणा की। इस अभियान ने भारतीय सशस्त्र बलों की त्वरित, रणनीतिक और सटीक कार्रवाई की क्षमता को दुनिया के सामने उजागर किया।

हमने पहले दिन ही युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था।

एयर चीफ मार्शल ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख को भविष्य के संघर्षों और युद्ध रणनीतियों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति पर भी जोर दिया। अब युद्ध केवल जमीन या हवाई हमलों तक सीमित नहीं रह गया है। “अब खुफिया निगरानी, सूचना संग्रह, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और सटीक हमलों की क्षमता बनाए रखना ‘नई सामान्य स्थिति’ बन गई है,” उन्होंने कहा।

इसी कार्यक्रम में भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भी ऑपरेशन सिंदूर से मिली रणनीतिक सीखों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि युद्ध की रणनीतियाँ बदल गई हैं और नई चुनौतियाँ जैसे कि ड्रोन हमले, वायु रक्षा, साइबर सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अब प्रमुख पहलू बन गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना लगातार इन सभी क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को मजबूत कर रही है ताकि किसी भी स्थिति में तीव्र और निर्णायक कार्रवाई की जा सके।

एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने कहा कि सभी देशों के लिए यह महत्वपूर्ण सीख है कि संघर्ष का उद्देश्य हमेशा स्पष्ट होना चाहिए। युद्ध केवल दिखावे या अहंकार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना और इसे समय पर हासिल करना ही सफल रणनीति का मूलमंत्र है।

उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने अत्यंत सीमित समय में अपने लक्ष्यों को हासिल किया और युद्धविराम तक पहुँचने में रणनीतिक कुशलता दिखाई। उन्होंने विश्व समुदाय से आग्रह किया कि संघर्ष के दौरान निर्णायक और संतुलित निर्णय लेना ही भविष्य के युद्धों में मानव और संसाधनों की क्षति को कम करने का तरीका है।

एयर चीफ मार्शल ने आगे कहा कि भारत के खुफिया और सुरक्षा तंत्र को लगातार मजबूत बनाए रखना अब आधुनिक युद्ध का अनिवार्य हिस्सा बन गया है। किसी भी सीमा पार खतरे का समय पर पता लगाना और उसे नियंत्रित करना हमारी प्राथमिकता बन चुकी है। उन्होंने कहा, “अभियांत्रिकी, सूचना और निगरानी में निरंतर सुधार करना हमारी रणनीति का केंद्र है।”

इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2025 में उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना और वायुसेना की त्वरित निर्णय क्षमता, रणनीतिक सोच और सटीक कार्यान्वयन को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, आधुनिक युद्ध केवल हथियारों की ताकत पर नहीं, बल्कि रणनीति, समय प्रबंधन और स्पष्ट उद्देश्य पर निर्भर करता है।

जनरल अनिल चौहान ने भी कहा कि भविष्य के युद्ध में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, ड्रोन हमले और साइबर हमले जैसी नई तकनीकें निर्णायक भूमिका निभाएँगी। इन तकनीकों में क्षमता बढ़ाना और उन्हें युद्ध रणनीति में शामिल करना अब भारतीय सेना की प्राथमिकता बन गई है।

इस प्रकार, ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि आधुनिक युद्ध की नई रणनीतिक सीख और भारतीय सेना की सक्षम नेतृत्व क्षमता का प्रतीक बनकर उभरा है। भारतीय सशस्त्र बलों ने इसे सीमित समय में न सिर्फ सफलतापूर्वक पूरा किया, बल्कि भविष्य के युद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण मॉडल भी प्रस्तुत किया।