मुंबई
महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (MMMOCL) ने अपने तकनीकी उन्नयन कार्यक्रम के तहत उन्नत प्रणाली परीक्षणों और ट्रायल्स की श्रृंखला शुरू की है। निगम के अनुसार, ये परीक्षण मुंबई मोनोरेल प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
इन ट्रायल्स में कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (CBTC) सिग्नलिंग तकनीक का परीक्षण शामिल है, जिसे मेधा एसएमएच रेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लागू किया जा रहा है — जो इस परियोजना के लिए नामित ठेकेदार है। यह आधुनिक तकनीक ट्रेन संचालन की सटीकता और सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी।
निगम ने बताया कि इन नियमित परीक्षणों के दौरान एक मामूली घटना घटी थी, लेकिन स्थिति तुरंत नियंत्रण में ले ली गई। किसी भी कर्मचारी को कोई चोट नहीं आई। उस समय दो तकनीकी अधिकारी, जिनमें मोनोरेल ऑपरेटर भी शामिल थे, परीक्षण कर रहे थे। यह परीक्षण पूरी तरह संरक्षित माहौल में सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया।
MMMOCL ने स्पष्ट किया कि ये ट्रायल्स "वास्तविक संचालन" नहीं बल्कि "अत्यधिक या संभावित आपात स्थिति" के सिमुलेशन हैं, जिनका उद्देश्य सिस्टम की प्रतिक्रिया और तैयारी का मूल्यांकन करना है। ऐसे नियंत्रित परीक्षण उन्नत प्रौद्योगिकी के मानक परीक्षण प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें, क्योंकि ये केवल आंतरिक परीक्षण हैं और इससे नियमित कार्यप्रणाली प्रभावित नहीं होगी। मेधा एसएमएच रेल द्वारा संचालित नियमित ट्रायल्स पूर्व निर्धारित समय पर जारी रहेंगे।
परियोजना की समयसीमा बनाए रखने और यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए MMMOCL कुछ परीक्षण छुट्टियों के दिनों में भी कर रहा है। संस्था ने कहा कि वह मुंबई के लिए विश्व-स्तरीय, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर को मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने मोनोरेल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया था ताकि नए रेक्स और सिग्नलिंग सिस्टम की इंस्टॉलेशन, कमीशनिंग और इंटीग्रेटेड टेस्टिंग बिना किसी बाधा के की जा सके। इसके साथ ही पुराने रेक्स के ओवरहॉलिंग और रेट्रोफिटिंग का कार्य भी शुरू किया गया है, जिससे मोनोरेल संचालन और अधिक सुचारु और त्रुटिरहित हो सके।