आवाज द वाॅयस नई दिल्ली / न्यूयॉर्क
अमेरिकी राजनीति में नया इतिहास रचते हुए जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर चुने गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़रायली लॉबी के विरोध के बावजूद 34 वर्षीय भारतीय मूल के जोहरान ने शानदार जीत हासिल की। वे न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम, पहले दक्षिण एशियाई और सबसे युवा मेयर बने हैं। जीत के बाद जोहरान ममदानी ने कहा कि न्यूयॉर्क के लोगों ने डर पर उम्मीद की जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि यह शहर अब वंशानुगत राजनीति और इस्लामोफोबिया से मुक्त होगा। ममदानी ने अपने समर्थकों से कहा, “हमने न्यूयॉर्क में इतिहास रच दिया है, यह शहर आपका है और लोकतंत्र भी आपका है।”
जोहरान का जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था। उनके पिता मशहूर अकादमिक महमूद ममदानी और मां प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मीरा नायर हैं, जिनकी जड़ें भारत में हैं।
मीरा नायर ‘सलाम बॉम्बे’, ‘मॉनसून वेडिंग’ और ‘द नेमसेक’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। जोहरान का बचपन युगांडा, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में बीता। वे सात साल की उम्र में अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क आ गए और ब्रॉन्क्स हाई स्कूल ऑफ साइंस से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने मेन स्थित बोडविन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज़ में डिग्री ली।
राजनीति में आने से पहले ममदानी ने एक हाउसिंग काउंसलर के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने कम आय वाले प्रवासी परिवारों की मदद की। यही अनुभव उनकी राजनीति की प्रेरणा बना।
उन्होंने 2020 में क्वीनज़ जिले से न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली का चुनाव लड़ा और पाँच बार की विधायक अरावेला सिमोटास को हराकर सनसनी मचा दी। वे डेमोक्रेटिक पार्टी और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट्स ऑफ अमेरिका के सदस्य हैं और खुद को लोकतांत्रिक समाजवादी बताते हैं। बर्नी सैंडर्स से प्रेरित ममदानी ने सामाजिक न्याय, किराया नियंत्रण, श्रमिक अधिकार और सार्वजनिक सुविधाओं को अपनी राजनीति का केंद्र बनाया।
2024 में उन्होंने न्यूयॉर्क के मेयर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया। उस समय यह माना जा रहा था कि पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो भारी पड़ेंगे, लेकिन जोहरान ने जमीनी स्तर पर हजारों स्वयंसेवकों की मदद से अभियान चलाया और जनता का भरोसा जीत लिया।
उनका घोषणापत्र आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने पर केंद्रित था—किराया स्थिरीकरण, 200,000 नए सस्ते आवास, 2030 तक 30 डॉलर न्यूनतम मजदूरी, मुफ्त बस सेवा, सार्वभौमिक बाल देखभाल और शहर के स्वामित्व वाले ग्रॉसरी स्टोर जैसी योजनाएँ उनकी नीति का हिस्सा थीं। उन्होंने चुनाव में एंड्रयू कुओमो को पहले डेमोक्रेटिक प्राइमरी में और फिर रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा को आम चुनाव में हराया।
उनकी फिलिस्तीन समर्थक नीतियों को लेकर इज़रायली लॉबी और ट्रंप प्रशासन उनके खिलाफ हो गया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने यहाँ तक धमकी दी कि यदि ममदानी मेयर बने तो न्यूयॉर्क की संघीय फंडिंग रोक दी जाएगी।
ममदानी ने इसका जवाब दिया, “डोनाल्ड ट्रंप, मैं श्रमिकों और प्रवासियों के साथ खड़ा रहूंगा। न्यूयॉर्क अब डर की राजनीति से आज़ाद होगा।” उनकी इस बेबाकी और जनता से जुड़ी नीतियों ने उन्हें युवाओं और प्रवासी वर्गों में लोकप्रिय बना दिया।
जोहरान की पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुसांस्कृतिक है। उनके पिता गुजरात के मुस्लिम परिवार से हैं, जो अफ्रीका में बसे थे, जबकि उनकी मां मीरा नायर ओडिशा की पंजाबी हिंदू परिवार से हैं। इसी वजह से ममदानी खुद को भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी पहचान का संगम मानते हैं। उन्होंने कहा था, “मैं उन तमाम पहचानों का मिश्रण हूँ जो न्यूयॉर्क को बनाती हैं।”
उनकी पत्नी रमा दुवाजी सीरियाई मूल की अमेरिकी कलाकार हैं। टेक्सास में जन्मी रमा का बचपन अमेरिका और दुबई दोनों जगह बीता। उन्होंने कतर स्थित वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ आर्ट्स से डिज़ाइन की पढ़ाई की और न्यूयॉर्क के स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट्स से इलस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की। उनकी कलाकृतियाँ द न्यू यॉर्कर, वाशिंगटन पोस्ट, बीबीसी, वोग और टेट मॉडर्न जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनकी कला में मध्य पूर्वी महिलाओं और विस्थापन की थीम प्रमुख रहती है। रमा और जोहरान की मुलाकात 2021 में डेटिंग ऐप हिंज पर हुई थी। पहली मुलाकात ब्रुकलिन के कहवा हाउस नामक यमनी कॉफी शॉप में हुई। दोनों ने फरवरी 2025 में लोअर मैनहैटन के सिटी क्लर्क ऑफिस में सिविल सेरेमनी के ज़रिए शादी की। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्होंने दुबई में भव्य विवाह किया, लेकिन ममदानी ने इन अफवाहों को अपनी कोर्टहाउस वेडिंग की तस्वीरें जारी कर खारिज किया।
रमा दुवाजी ने अपने पति के चुनाव अभियान के दौरान खुद को सुर्खियों से दूर रखा, लेकिन उनकी सोशल मीडिया पोस्ट्स से फिलिस्तीन और सीरिया के प्रति गहरी संवेदना झलकती है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि इतने लोगों को डर के कारण चुप कराया जा रहा है, इसलिए वे अपनी कला को आवाज़ के रूप में इस्तेमाल करती हैं।
राजनीतिक दृष्टि से जोहरान ममदानी की नीतियाँ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट और न्यूयॉर्क के समाजवादी मेयर फिओरेल्लो ला गार्डिया से प्रेरित मानी जा रही हैं।
वे कर प्रणाली में सुधार, टैक्सी ड्राइवरों के कर्ज़ माफ़ी, किराया नियंत्रण और कर न्याय पर जोर देते हैं। उनका कहना है कि महंगे इलाकों में संपन्न लोगों को अधिक कर देना चाहिए ताकि बाहरी बरो में रहने वाले मेहनतकश परिवारों को राहत दी जा सके। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि “सरकार को कॉरपोरेशनों के नहीं, जनता के लिए काम करना चाहिए।”
विश्लेषकों का मानना है कि जोहरान ममदानी की जीत अमेरिकी राजनीति में एक नए प्रगतिशील युग की शुरुआत है। यूरोपीय मीडिया ने उनकी नीतियों को वैश्विक मानकों से केंद्र-वामपंथी बताया है, जबकि अमेरिका में उन्हें कट्टर समाजवादी कहा जा रहा है। फिर भी ममदानी का संदेश साफ है—न्यूयॉर्क का भविष्य आम लोगों के हाथ में है। उन्होंने कहा, “हम उम्मीद को जिंदा रखेंगे। यह शहर सबका है—हर नस्ल, हर धर्म और हर वर्ग का।”
जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत प्रवासियों, मुसलमानों, युवाओं और प्रगतिशील अमेरिकियों के लिए प्रेरणा बन गई है। युगांडा से न्यूयॉर्क तक का उनका सफर इस बात की मिसाल है कि अगर विचार इंसानियत और समानता पर आधारित हों तो सीमाएँ कभी मायने नहीं रखतीं। न्यूयॉर्क ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह शहर सपनों और बदलाव दोनों का है—और अब इसकी कमान एक ऐसे मेयर के हाथ में है जो खुद उन सपनों से निकला है।