Fourth National Conference of AMP 2024: सरकार को विश्वास में लेकर काम करें, तो नतीजे अच्छे मिलेंगे- फारूक नजीब

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-02-2024
National NGO Head Farooq Najeeb at the Fourth National Conference of AMP 2024 held in Jaipur
National NGO Head Farooq Najeeb at the Fourth National Conference of AMP 2024 held in Jaipur

 

जयपुर से मलिक असगर हाशमी

नेशनल एनजीओ प्रमुख फारूक नजीब ने कहा कि सरकार और एनजीओ को विश्वास में लेकर काम करने से उद्देश्य की प्राप्ति जल्दी होगी. उन्होंने कहा कि वक्त सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए संगठन को समय दें. हफ्ते में दो घंटा भी समय दे दिया, तो संगठन को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.

फारूक नजीब, जयपुर में आयोजित एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स (एएमपी) के नेशनल कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थे. नजीब ने कहा कि लीडरशिप, फ्यूचर लीडरशिप, मेंबरशिप, मंथली डोनर, मेंबर नियमित गतिविधि में शामिल हों, महतवपूर्ण दिनों में फैमली गैदरिंग करें. उन्होंने कहा कि अभी संस्था में कॉरपोरेट के लोग ज्यादा हैं. इससे कारोबारियों को भी जोड़ने का प्रयास हो.

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एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स के संस्थापक अध्यक्ष आमिर इदरीसी ने कहा कि काम थोड़ा ही हो, पर बेहतर करें. छोटा करें पर बेहतर करें. टीम बिल्डिंग   आर्गेनाइजेशन के लिए जरूरी है. उन्होंने पार्टनर शिप पर भी चर्चा की. इदरीसी ने आगे कहा कि प्लान को एग्जीक्यूट किया, तो आप एक दिन लीड करेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले सौ साल तक एएमपी देश को रास्ता दिखाएगा.

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Mohammad Ateeq 


 

राजस्थान के सर सैयद कहे जाने वाले मोहम्मद अतीक ने कहा कि उनकी योजना मुस्लिम युनिवर्सिटी स्थापित करने की है. उन्होंने कहा कि उम्मत को मसायल का पता ही नहीं है. अगर एएमयू का माइनोरिटी कैरेक्टर खत्म हो गया, तो हमारे पास क्या बचेगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भी कहते हैं कि जहां भी जाता हूं, अलीगढ़िया मिलते हैं. उसके बावजूद, एक भी एएमयू जैसा इदारा कायम नहीं किया गया.

अतीक ने कहा कि दूसरे धर्मों के लोगों ने काफी तरक्की है. उन्होंने आईटी, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्रों में बेशुमार पकड़ बनाई है. उन्होंने कहा कि इसीलिए यूनिवर्सिटी लाने का ख्याल है. उन्होंने कहा कि राजस्थान का टेक्निकल इंस्टीट्यूट नर्सिंग कॉलेज खोले.

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उन्होंने उम्मत से अपील की कि वे अपने जकात के निजाम को मजबूत करें, जो  दस साल में बड़ा इंकलाब लायेगा. उन्होंने कहा कि हम जितने इंस्टीट्यूट खोलते हैं, ठीक से नहीं से चला पाते हैं. इसलिए मौजूदा इंस्टीट्यूट को व्यवस्थित करने पर काम करें.

उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां रेलवे और डिफेंस क्षेत्रों के करीब हैं. उनका  सही इस्तेमाल नहीं किया. संपत्ति को आगे नहीं बढ़ाया. वक्फ बोर्ड ने सीएम के आदेश के बाद भी मैरेज हाल के लिए एनओसी तब दी, जब आचार संहिता लागू हो गई. इसलिए काम करने के तरीके को बदलने की जरूरत है.

शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े अतीक ने कहा कि राजस्थान के शहरों में अधिकतर मुस्लिम आबादी है. वे सरकारी स्कूल से जुड़ जाएं और सरकारी स्कूल के टीचर से जुड़ जाएं. सिर्फ पसीना बहाने की जरूरत है. इस छोटे से काम बड़ा रिजल्ट मिलेगा.

उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि लोग रमजान में इबादत की जगह चौक पर समय बिता देते हैं. हमारे भाई भी मदरसा चलाते हैं. हमारे खानदान के लोग समाज सेवा से जुड़े हैं.

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Aftab Aziz


 

माइक्रो लर्निंग सेंटर इन इंडिया विषय पर, दिल्ली यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉक्टर आफताब अजीज ने कहा कि छह करोड़ बच्चे या तो स्कूल नहीं जाते या ड्रॉप आउट हैं. मुआशरे में ड्रॉप आउट रेट अन्य समुदाय से ज्यादा है. इसलिए मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्कूलिंग सिस्टम बदलने की जरूरत है.

गुजरात और राजस्थान की सोशल एक्टिविस्ट शबनम अली ने कहा कि युवाओं को एएमपी से कैसे जोड़ें, इस पर काम करें. हम सच्चर कमेटी रिपोर्ट को कब तक रोते रहेंगे. इसलिए युवाओं को संगठन से जोड़ें, ताकि वे खुद को अकेला न समझें.

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Owais Saresh Wala


 

ओवेस सरेश वाला ने कहा कि कौम  के अस्सी प्रतिशत लोगों तक पहुंचने की जरूरत है. तालीमी जमात के घर-घर तक जाने की जरूरत है.

 

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